धन संपदा में वृद्धि देने वाला शुक्र-पुष्य का शुभ संयोग 27 सितंबर को

पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा गया है और जब यह किसी विशेष दिन आता है तो उसके साथ मिलकर शुभ संयोग बनाता है। पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य सदैव उत्तम फलदायी होते हैं, धन-संपदा में वृद्धि करने वाले होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। 27 सितंबर को शुक्रवार के दिन पुष्य नक्षत्र आने से शुक्र-पुष्य का शुभ संयोग बना है। शुक्र पुष्य में खरीदा गया सोना, चांदी, भूमि, भवन, वाहन आदि में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है।

पुष्य नक्षत्र 26 सितंबर को रात्रि में 11 बजकर 33 मिनट से प्रारंभ होगा और 27 सितंबर को रात्रि 1 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार शुक्र पुष्य का संयोग पूरे दिन मिलने वाला है। इस शुभ नक्षत्र में अनेक प्रकार के शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

क्या करें शुक्र पुष्य में

– सबसे पहले तो यदि आप स्वर्णाभूषण आदि खरीदना चाहते हैं तो शुक्र-पुष्य का संयोग आपके लिए सबसे उत्तम रहने वाला है। अभी श्राद्ध पक्ष चल रहे हैं इसलिए कुछ लोग कह सकते हैं कि इसमें खरीदी नहीं करते हैं, लेकिन यह मान्यता सर्वथा गलत है। श्राद्धपक्ष में खरीदी की जा सकती है और ऐसे विशिष्ट संयोग में तो अवश्य खरीदना चाहिए।

– भूमि, भवन, संपत्ति, वाहन आदि खरीदने के लिए इससे श्रेष्ठ दिन और कोई नहीं, इसलिए शुक्र पुष्य के संयोग में इन चीजों की खरीदी अवश्य करें।

– यदि आप अपनी आर्थिक स्थिति को सामान्य से श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं तो शुक्र पुष्य के संयोग में इस दिन अपने घर में श्रीयंत्र की स्थापना अवश्य करें। यह यंत्र धातु पर बना हुआ या स्फटिक का हो तो और भी उत्तम रहेगा।

– जिन दंपतियों का वैवाहिक जीवन ठीक नहीं चल रहा है, वे शुक्र पुष्य के संयोग में एक-दूसरे को चांदी का कोई आभूषण और रेशमी सुंदर वस्त्र उपहार स्वरूप दें।

– जो लोग प्रेम संबंधों में असफल हो रहे हैं, वे शुक्र पुष्य के संयोग में सज संवरकर साफ-स्वच्छ वस्त्र पहनें और अच्छा सा परफ्यूम या इत्र लगाएं और फिर प्रेम निवेदन करें, सफलता मिलेगी।

– शुक्र पुष्य के संयोग में केसर का तिलक करना अत्यंत श्रेष्ठ रहता है। इससे व्यक्ति में जगत को मोहित करने की शक्ति आ जाती है।

– शुक्र पुष्य के योग में यदि कोई व्यापार-व्यवसाय प्रारंभ किया जाए तो वह भी सफल होता है।

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