हाथ में यह योग है तो आप बनेंगे मालामाल

अमीर बनना प्रत्येक व्यक्ति का सपना होता है और इसके लिए वह दिन रात मेहनत करता रहता है। लेकिन बहुत कम लोग ही अपने लक्ष्य में सफल हो पाते हैं। आप अमीर बनेंगे या नहीं, धन आएगा या नहीं, भौतिक सुख मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कितना मिलेगा यह सारा राज आपके हाथ में मौजूद रेखाओं में छुपा हुआ है। आज हम आपको पांच ऐसे योगों के बारे में बता रहे हैं जो यदि आपके हाथ में है तो मालामाल होने से कोई नहीं रोक सकता।

1. लक्ष्मी योग :

यदि पुरुष के दाहिने हाथ में और स्त्री के बाएं हाथ में शनि वलय तथा बुध वलय हो और ये दोनों किसी एक रेखा से जुड़ रहे हों तो लक्ष्मी योग बनता है। जिसके हाथ में यह योग होता है वह थोड़ी मेहनत में ही शीर्ष पर पहुंच जाता है और अमीर बनता है। ऐसे व्यक्ति को अनेक माध्यमों से धन की प्राप्ति होती है और वह समाज में शीर्ष पद पर आसीन होता है।

2. महालक्ष्मी योग :

यदि हाथ में मणिबंध से निकलते हुए एकदम सीधी, स्पष्ट, पूरी लंबाई लिए हो और शनि पर्वत पर जाकर उसके मध्य बिंदु को स्पर्श करती हो तथा सूर्य रेखा चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर सूर्य पर्वत के मध्य बिंदु तक पहुंचती हो तो इसे महालक्ष्मी योग कहा जाता है। जिस जातक के हाथ में महालक्ष्मी योग होता है वह अतुलनीय धन संपत्ति का मालिक होता है। आर्थिक दृष्टि से उसके जीवन में कोई अभाव नहीं रहता।

3. अरविंद योग :

यदि जीवन रेखा के बीच में से भाग्य रेखा प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक जाती हो तथा जीवन रेखा से निकल दो शाखाएं सूर्य पर्वत और बुध पर्वत की ओर जाती हो तो जातक अत्यंत भाग्यशाली होता है। वह देश-विदेश में व्यापार करने वाला बड़ा व्यापारी होता है। ऐसा जातक समाज में पूजनीय होता है और बड़े पद पर आसीन होता है। आर्थिक दृष्टि से उसके जीवन में कोई अभाव नहीं होता है।

4. रश्मि योग :

यदि मणिबंध से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत पर पहुंचती हो। शुक्र पर्वत अत्यंत पुष्ट, उभरा हुआ तथा लालिमा लिए हुए हो तो रश्मि योग बनता है। इस योग में जन्में व्यक्ति के पास अतुलनीय संपत्ति होती है। वह अनेक भूमि, भवनों तथा वाहनों का मालिक होता है। धन के कारण सम्मान और यश भी अर्जित करता है।

5. पारावत योग :

जिस जातक की दोनों हथेलियों में सात में से कोई भी चार पर्वत अत्यंत उभरे हुए हों, और उनसे संबंधित रेखाएं सरल, सीधी तथा निर्दोष हो तो पारावत योग बनता है। ऐसे योग वाला मनुष्य जीवन में संपूर्ण सुखों का भोग करता है। उसके जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं होता है।