पं. गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य
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क्रोध, युद्ध, सैन्य शक्ति, रक्त विकार, साहस, बल, पराक्रम का ग्रह मंगल 20 अक्टूबर 2024 रविवार को दोपहर 2:19 बजे से अपनी नीच राशि कर्क में प्रवेश करने जा रहा है। कर्क चंद्र की राशि है और जल तत्व व शीत प्रकृति की राशि है जबकि मंगल अग्नि तत्व का प्रतीक। अग्नि और जल का कभी मिलन नहीं हो सकता इसलिए जब जब भी मंगल का गोचर कर्क राशि में होता है तब-तब प्रकृति, पर्यावरण, जीव-जंतु और मनुष्यों पर अनेक प्रकार के विपरीत असर पड़ते हैं। मंगल 21 जनवरी 2025 तक इसी राशि में रहने वाला है। इस बीच 6 दिसंबर को वक्री हो जाने के कारण कर्क राशि में ही उल्टा चलने लगेगा जिससे इसका कर्क राशि में समय बढ़ जाएगा। मंगल आमतौर पर एक राशि में 45 दिन रहता है किंतु वक्री हो जाने के कारण यह समय लगभग 93 दिन हो जाएगा।
नीच राशि में प्रभाव
कर्क राशि मंगल की नीच राशि होती है। इसलिए इस राशि में प्रवेश करते ही मंगल के प्रभावों में वृद्धि हो जाएगी। जिन लोगों की जन्मकुंडली में मंगल पूर्व से ही वक्री बैठा हुआ है उनके लिए यह समय अधिक संकटपूर्ण रह सकता है। क्रोध में वृद्धि होगी। अनावश्यक विवादों में फंस सकते हैं। पारिवारिक टकराव हो सकते हैं। आर्थिक हानि की आशंका रहेगी। यहां तक कि उन्हें रक्त संबंधी बड़े विकार भी सामने आ सकते हैं। इसलिए यह समय शांतिपूर्ण तरीके से निकालने का प्रयास करें।
राजनीतिक प्रभाव
नीच राशि में मंगल का गोचर होने से देश-दुनिया में युद्ध जैसे हालात बनते हैं। अनेक देशों के बीच टकराव बढ़ते हैं और फलस्वरूप युद्ध की स्थितियां निर्मित होती हैं। वर्तमान में पृथ्वी के जिस भी भूभाग पर युद्ध चल रहे हैं वे भीषणतम स्थिति में पहुंच सकते हैं। सैन्य बलों की हानि हो सकती है। देशों के टुकड़े हो सकते हैं। शांति पसंद करने वाले देश भी उग्र व्यवहार दिखा सकते हैं।
प्रकृति-पर्यावरण पर प्रभाव
मंगल का जब भी गोचर होता है, बड़ी प्राकृतिक विपदाएं आती हैं। विमान-ट्रेन दुर्घटनाएं, भीषण अग्निकांड, जल प्लावन, सूनामी, समुद्र में हलचल, भूकंप, बाढ़ जैसी विभीषिका आ सकती हैं। मानव निर्मित आपदाएं भी इस दौरान अधिक सिर उठाती हैं। संक्रामक रोगों में वृद्धि, कोई नया वायरस आतंक मचा सकता है।
मनुष्यों पर प्रभाव
इस गोचर के दौरान मनुष्य अजीब व्यवहार कर सकते हैं। सहन शक्ति कम होगी। मानसिक तनाव बढ़ेगा। एक-दूसरे के साथ विवाद कर सकते हैं। क्रोध बढ़ने के कारण अनेक हानिकारक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।
शुभ क्या
मंगल चूंकि धन का ग्रह भी है। इसलिए जिन लोगों की जन्मकुंडली में मंगल उच्च का या स्वराशि में बैठा हुआ है उनके लिए यह गोचर श्रेष्ठ रहने वाला है। धन-संपत्ति से लाभ होगा। आर्थि लाभ होगा। कर्ज मुक्ति का समय रहेगा।
राशियों पर प्रभाव
शुभ : वृषभ, तुला, धनु, मीन
मध्यम : मकर, कुंभ, मिथुन, कन्या
अशुभ : मेष, वृश्चिक, कर्क, सिंह
क्या करें
मंगल के कर्क राशि में गोचर के दौरान सभी राशि के जातकों को मंगल यंत्र का नित्य पूजन दर्शन करना चाहिए। तांबे का कड़ा या छल्ला पहनकर रखें। ओवल शेप का लाल मूंगा सोने या पंच धातु की अंगूठी में बनवाकर अनामिका अंगुली में धारण करें। प्रत्येक मंगलवार को हनुमानजी को नारियल चढ़ाएं।