देवउठनी एकादशी से प्रारंभ हो जाएंगे विवाह, ये हैं मुहूर्त


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर 2024 मंगलवार को श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा से जाग जाने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा और वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इन दिन तुलसी विवाह के आयोजन भी होते हैं। मंदिरों- घरों में गन्ने से आकर्षक मंडप सजाकर उसमें तुलसी-शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। इसके साथ ही मनुष्यों के लिए भी वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन बड़ी संख्या में निजी और सामूहिक विवाह के कार्यक्रम होते हैं।

यहां हम पाठकों की सुविधा के लिए नवंबर से मार्च तक के विवाह मुहूर्त प्रस्तुत कर रहे हैं। ये शुद्ध वैवाहिक मुहूर्त हैं। भावी वर-वधु के नाम की राशि से विवाह के मुहूर्त निकलवाने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

नवंबर में विवाह मुहूर्त
16 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष कृष्ण प्रथम
22 नवंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
26 नवंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी
27 नवंबर बुधवार, मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी

दिसंबर में विवाह मुहूर्त
5 दिसंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी
6 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी-षष्ठी
7 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी
14 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी

जनवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
16 जनवरी गुरुवार, माघ कृष्ण तृतीया
17 जनवरी शुक्रवार, माघ कृष्ण चतुर्थी
22 जनवरी बुधवार, माघ कृष्ण अष्टमी

फरवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
3 फरवरी सोमवार, माघ शुक्ल षष्ठी
4 फरवरी मंगलवार, माघ शुक्ल सप्तमी
7 फरवरी शुक्रवार, माघ शुक्ल दशमी
13 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा
18 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण षष्ठी
20 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण सप्तमी
21 फरवरी शुक्रवार, फाल्गुन कृष्ण अष्टमी
25 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण द्वादशी

मार्च 2025 में विवाह मुहूर्त
5 मार्च बुधवार, फाल्गुन शुक्ल षष्ठी
6 मार्च गुरुवार, फाल्गुन शुक्ल सप्तमी

विशेष :
15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक धनु मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।
19 मार्च 2025 से 23 मार्च 2025 तक चार दिन शुक्र अस्त रहने से विवाह नहीं होंगे।
14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक मीन मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।