गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य
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मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कालभैरव जयंती मनाई जाती है। इसे कालभैरव अष्टमी और कालाष्टमी भी कहा जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र और भीषण रूप कालभैरव की उत्पत्ति का दिन होता है। कालभैरव की आराधना, पूजा, दर्शन करने से शत्रुओं से छुटकारा मिलता है, रोग मुक्ति होती और समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। इस दिन कालभैरव के मंदिर में जाकर उनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। कालभैरव अष्टमी 22 नवंबर 2024 शुक्रवार को आ रही है।
क्या करें
कालभैरव अष्टमी के दिन उपवास रखकर प्रदोषकाल में भैरवनाथ की यथाशक्ति पूजा करें, स्तोत्र पाठ और जप करें। बाद में प्रत्येक प्रहर पूजा कर भैरवदेव को अर्घ्य प्रदान करें तथा रात्रि जागरण करें। इस दिन छोटे बालकों (बटुकों) को मिष्ठान्न का भोजन करवाएं। काले श्वानों को मिठाई व तला हुआ नमकीन खिलाएं। इन उपायों से भैरव प्रसन्न होंगे और तात्कालिक संकटों से मुक्ति दिलाएंगे।
अपनी राशि के अनुसार करें उपाय
भैरवनाथ को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को अपनी राशि के अनुसार उपाय करने चाहिए।
मेष : सवा किलो काले उड़द मिट्टी के काले पात्र में रखकर कालभैरव मंदिर में चढ़ाकर आएं।
वृषभ : सवा किलो काले तिल मिट्टी के पात्र में भरकर कालभैरव मंदिर में भेंट करें और फल गरीबों को खिलाएं।
मिथुन : रसीले फलों का दान गरीबों को दें। भैरव को भी रसीले फलों का भोग अर्पित करें।
कर्क : गायों को हरा चारा खिलाएं और कालभैरव की प्रसन्नता के लिए तेल में तली पूड़ियां गाय को खिलाएं।
सिंह : मछलियों को आटे की गोली में काले तिल मिलाकर खिलाएं। कबूतरों को दाना डालें।
कन्या : तीखी, धारदार वस्तु, चाकू-तलवार आदि कालभैरव के मंदिर में भेंट करें।
तुला : कालभैरव अष्टमी के दिन जलसेवा करें। प्याऊ लगवाएं, गरीबों की सेवा करें। दवाई का प्रबंध करें।
वृश्चिक : अस्पतालों में गरीबों का उपचार करवाएं, दवाई का प्रबंध करें और उन्हें भोजन करवाएं।
धनु : 14 साल तक की उम्र के बालकों को मिठाई खिलाएं। तली हुई नमकीन पूड़ी भी खिलाएं।
मकर : तेल में तला हुआ नमकीन, मिक्चर, सेंव आदि कालभैरव को नैवेद्य लगाने के बाद गरीबों में बांटें।
कुंभ : तिल से बनी हुई मिठाई बच्चों को खिलाएं। रसीले फल जानवरों को खिलाएं।
मीन : काली गाय को घी लगी रोटियां खिलाएं। काले श्वानों को दूध-बिस्किट खिलाएं।