गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य
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सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही 15 दिसंबर 2024 से धनुर्मास प्रारंभ हो जाएगा। इसे मलमास या खरमास भी कहा जाता है। मलमास में सगाई, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। इसके बाद सूर्य जब 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में प्रवेश करेगा तब मलमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ हो जाएंगे। यह मास सूर्य के दक्षिणायन का अंतिम मास भी होता है। सूर्य के मकर में प्रवेश करने के साथ ही उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है।
सूर्य का धनु में प्रवेश और मकर संक्रांति
सूर्य प्रत्येक राशि में 30 दिन रहता है। इस प्रकार 12 महीनों में 12 राशियों में अपना भ्रमण पूरा कर लेता है। सूर्य 15 दिसंबर 2024 को रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेगा। 30 दिन बाद 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व मकर संक्रांति के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है।
मलमास और मांगलिक कार्य
सूर्य जब-जब गुरु की राशि धनु और मीन में रहता है तब-तब मलमास होता है। चूंकि किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के लिए गुरु का शुद्ध होना आवश्यक है और जब गुरु की राशि में सूर्य आता है तब गुरु अस्त के समान निस्तेज और दूषित हो जाता है इसलिए इसे मलमास कहा जाता है और इसमें मांगलिक कार्य रोक दिए जाते हैं। इनमें मुख्य रूप से सगाई, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं किए जाते हैं।
सूर्य का धनु में प्रभाव
सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही सभी राशियों पर इसका शुभाशुभ प्रभाव पड़ता है। यह प्रभाव प्रत्येक जातक की अपनी जन्मकुंडली में सूर्य और गुरु की स्थिति के अनुसार पड़ता है। जिन जातकों की जन्मकुंडली में सूर्य शुभ स्थानों में हो और पाप ग्रहों राहु केतु की दृष्टि में न हो उन्हें शुभ प्रभाव मिलते हैं। जिनकी कुंडली में सूर्य के साथ राहु, केतु हो उन्हें इसके विपरीत परिणाम देखने को मिल सकते हैं। कुंडली में गुरु अस्त, नीच राशि में हो तो जातक को खराब परिणाम भोगने पड़ सकते हैं। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा में कमी और संकटों का सामना करना पड़ सकता है।
धनुर्मास में क्या करें
सूर्य के धनु राशि में गोचर करने के दौरान भगवान विष्णु और सूर्य की आराधना करना चाहिए। हर दिन सूर्य को जल में लाल पुष्प या लाल चंदन डालकर अर्घ्य दें। भगवान विष्णु के नित्य दर्शन करके उन्हें पीले पुष्प अर्पित करें, विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
ये उपाय भी अवश्य करें
– आंकड़े का पौधा कहीं हो तो उसके आसपास सफाई करके सुंदर क्यारी बनाएं और पौधे का पूजन करके।
– मलमास में भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए। पूरे मास में श्रीहरि को पीले पुष्प और तुलसी अवश्य अर्पित करें।
– मलमास में पवित्र नदियों में स्नान करें। दान-पुण्य करें। गरीबों को भोजन करवाएं। पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी रखें।
– इस मास में सूर्य को प्रतिदिन तांबे के कलश में लाल पुष्प डालकर जल का अर्घ्य अर्पित करें।