ग्रहों को करना है शांत तो कर लें ये उपाय


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.

प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में कोई न कोई ग्रह खराब या कमजोर होता है। उस ग्रह को ठीक करने के लिए उससे संबंधित वस्तुओं का दान किया जाता है। उस ग्रह के मंत्रों का जाप करवाया जाता है। आइए जानते हैं किस ग्रह की शांति के लिए किन वस्तुओं का दान करना चाहिए और कितने मंत्रों का जाप करवाना चाहिए।

सूर्य
सूर्य की शांति के लिए माणिक्य का दान सर्वश्रेष्ठ दान बताया गया है। इसके अलावा गोधूम, गुड़, गौ, कमलपुष्प, नया घर, लाल चंदन, लाल वस्त्र, सोना-तांबा, केसर, मूंगा का दान किया जाता है। सूर्य की शांति के लिए इसके 7000 मंत्रों का जाप किया जाता है किंतु कलयुग में इसका चार गुना अर्थात् 28 हजार जाप करवाना चाहिए।

चंद्र
चंद्र की शांति के लिए चांदी के बर्तन का दान किया जाता है। इसके अलावा चावल, श्वेत वस्त्र, श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प, चीनी, चांदी, बैल, घी, शंख, दही, मोती, कपूर का दान करने से चंद्र की पीड़ा शांत होती है। चंद्र की शांति के लिए इसके 11 हजार मंत्रों का जाप किया जाता है किंतु कलयुग में इसका चार गुना अर्थात् 44 हजार मंत्रों का जाप करवाना चाहिए।

मंगल
मंगल ग्रह परेशान कर रहा है तो शांति के लिए मसूर की दाल, गोधूम, लाल बैल, गुड़, लाल चंदन, लाल वस्त्र, लाल पुष्प, सोना, तांबा, केसर, कस्तुरी आदि का दान किया जाता है। किसी ब्राह्मण को तांबे के कलश में गुड़ रखकर दान देना चाहिए। मंगल की शांति के लिए 10 हजार मंत्रों का जाप करवाना चाहिए। कलयुग में चार गुना 40 हजार मंत्रों का जाप करवाना चाहिए।

बुध
बुध की शांति के लिए कांसे का पात्र, हरे कपड़े, गजदंत, घी, पन्ना, सोना, सर्वपुष्प, रत्न, कपूर, शंख, अनेक प्रकार के फल, षटरस भोजन दान में देना चाहिए। बुध के लिए 9000 मंत्रों का जाप करवाना चाहिए। कलयुग में चार गुना अर्थात् 36 हजार जाप करवाना चाहिए।

गुरु
गुरु की शांति के लिए पीला अनाज, पीले कपड़े, सोना, घी, पीले पुष्प, पीले फल, पुखराज, हल्दी, धार्मिक पुस्तकें, शहद, नमक, शक्कर, भूमि, छत्र आदि का दान किया जाता है। गुरु के मंत्रों की जप संख्या 19 हजार होती है। कलयुग में इसका चार गुना अर्थात् 76 हजार जाप करवाना चाहिए।

शुक्र
शुक्र की शांति के लिए सफेद चावल, सफेद चंदन, सफेद वस्त्र या रंगबिरंगे वस्त्र, श्वेत पुष्प, चांदी, हीरा, घी, सोना, दही, सुगंधित द्रव्य, इत्र, शकर का दान करना चाहिए। शुक्र की शांति के लिए इसके 16 हजार मंत्रों का जाप करवाया जाता है। कलयुग में इसका चार गुना अर्थात् 64 हजार जप संख्या करवाना चाहिए।

शनि
शनि की शांति के लिए तिल या सरसो का तेल, नीलम, तिल, काले वस्त्र, लोहा, भैंस, काली गाय, काले पुष्प, सोना आदि का दान दिया जाता है। शनि के शांति मंत्रों की संख्या 23 हजार होती है। कलयुग में इसका चार गुना 92 हजार जाप करवाना चाहिए।

राहु
राहु की शांति के लिए पंचधातु का नाग, सप्तधान्य, नीले वस्त्र, गोमेद, काले पुष्प, तिल, खड्ग, तेल, लोहा, कंबल, तांबे का पात्र, सुवर्ण, रत्न आदि का दान दिया जाता है। राहु के मंत्र जाप की संख्या 18 हजार होती है। कलयुग में 72 हजार जाप करवाना चाहिए।

केतु
केतु की शांति के लिए उड़द, कंबल, कस्तुरी, वैदूर्यमणि, काले फूल, तिल, तेल, रत्न, सुवर्ण, लोहा, शस्त्र, सप्तधान्य का दान दिया जाता है। इसकी शांति के लिए 17 हजार मंत्रों का जाप करवाया जाता है। कलयुग में चार गुना अर्थात् 68 हजार जाप करवाए जाने चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>