14 अप्रैल को मलमास समाप्त, बजेंगे बैंड, सजेंगी बरातें


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
.

इस वैवाहिक सत्र के 58 दिनों में 27 दिन मुहूर्त, वैशाख में 15 तो ज्येष्ठ में 12

प्रतीक्षा के पल समाप्त हुए, अब सोमवार से 58 दिवसीय वैवाहिक सत्र शुरू हो जाएगा। बैंड बजेंगे, बरातें सजेंगी और मंगलगीत गाए जाएंगे। 13 अप्रैल से इस नवसंवत्सर का द्वितीय वैशाख माह आरंभ होते ही 14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा और उसी दिन से वैवाहिक लग्न आरंभ हो जाएंगे। वैशाख माह के दोनों पक्षों में कुल मिलाकर 30 दिनों में 15 दिन विवाह के मुहूर्त हैं। इसी तरह ज्येष्ठ माह में आठ जून तक कुल 12 दिन लग्न के हैं।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष, श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री प्रो. विनय कुमार पांडेय ने बताया कि 14 अप्रैल की भोर में 5:29 बजे खरमास समाप्त हो जाएगा और इसी दिन पहला विवाह मुहूर्त 14 अप्रैल को होगा। इसके बाद 15 को मृत्युबाण व व्यतिपात योग होने से विवाहादि मंगल कार्य नहीं होंगे लेकिन 16 अप्रैल से पुन: इसका क्रम बीच-बीच में रुक-रुक कर चलता रहेगा। वैशाख कृष्ण पक्ष में 30 अप्रैल तक कुल नौ लग्न व शुक्ल पक्ष में एक से 10 मई तक छह वैवाहिक लग्न होंगे। इसके पश्चात ज्येष्ठ माह में 14 मई से आरंभ कृष्ण पक्ष में 23 मई तक पांच तथा शुक्ल पक्ष में 28 मई से 10 जून तक छह लग्न मिलेंगे। इस तरह वैवाहिक सत्र के 58 दिनों में कुल 27 दिन विवाह के मुहूर्त रहेंगे।

इस बार देवशयनी एकादशी के 28 दिन पूर्व ही खत्म हो जाएगा लग्न
ज्येष्ठ माह में आठ जून तक ही विवाह के लग्न हैं क्योंकि इस दिन से गुरु का वार्धक्य आरंभ हो जा रहा है और वह अस्त हो जाएगा। फिर यह सात जुलाई को उदित होगा लेकिन तब तक छह जुलाई को ही देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु के चातुर्मास्य की योगनिद्रा में चले जाने के कारण मांगलिक कार्य बंद हो चुके होंगे। इस बार देवोत्थान एकादशी तो पड़ेगी एक नवंबर को लेकिन लग्न फिर भी मार्गशीर्ष द्वितीया 22 नवंबर से आरंभ हो सकेगा। सूर्य वृश्चिक में नहीं होने के कारण तथा शुक्र तुला राशि का होने के कारण कार्तिक माह में विवाह के लग्न नहीं हो सकते। 22 नवंबर को आरंभ यह लग्न प्राय: प्रतिवर्ष 14 दिसंबर तक खरमास लगने तक जाता है। इस बार यह पांच दिसंबर को खरमास आरंभ होने के पूर्व ही खत्म हो जाएगा। कारण कि उसी दिन शुक्र अस्त हो जाएंगे जबकि खरमास 16 दिसंबर से आरंभ होगा। इसके बाद लग्न अगले वर्ष 16 जनवरी से मिलने आरंभ होंगे।

अप्रैल, मई-जून में विवाह की प्रमुख तिथियां
अप्रैल – 14, 16, 18, 19, 20, 21, 26, 29, 30
मई – 1, 5, 6, 8, 9, 10 (वैशाख लग्न समाप्त), ज्येष्ठ में- 14, 15, 17, 18, 22, 23, 28 मई
जून – 01, 02, 05, 07, 08 जून। गुरु अस्त।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes:

<a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>