वशीकरण: एक रहस्यमय और प्राचीन विद्या


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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वशीकरण एक प्राचीन तांत्रिक विद्या है, जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति के मन, विचार, भावना और व्यवहार को प्रभावित करने के लिए किया जाता है। यह शब्द संस्कृत के “वश” धातु से बना है, जिसका अर्थ होता है “वश में करना” या “काबू पाना”। वशीकरण भारतीय संस्कृति में तंत्र-मंत्र और ज्योतिष शास्त्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। हालांकि आधुनिक विज्ञान इसे अंधविश्वास या मनोवैज्ञानिक प्रभाव मानता है, फिर भी भारत के कई हिस्सों में आज भी इसका व्यापक प्रभाव और आस्था देखने को मिलती है।

वशीकरण के प्रकार
वशीकरण कई प्रकार के होते हैं, जो उद्देश्य और प्रयोग के आधार पर भिन्न-भिन्न होते हैं। कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

प्रेम वशीकरण: यह किसी व्यक्ति को प्रेम में आकर्षित करने या पुराने प्रेम को वापस लाने के लिए किया जाता है।
विवाह वशीकरण: जब कोई विवाह संबंध बनाना चाहता है लेकिन सामने वाला व्यक्ति तैयार नहीं होता, तब इसका प्रयोग किया जाता है।
व्यवसायिक वशीकरण: व्यापार या नौकरी में सफलता पाने के लिए यह प्रयोग किया जाता है।
शत्रु वशीकरण: अपने शत्रु को नियंत्रित करने या शांत करने के लिए इसे किया जाता है।
राज्य वशीकरण: पुराने काल में राजा-महाराजा अपने दरबारियों और शत्रुओं को वश में करने के लिए इसका उपयोग करते थे।

वशीकरण की प्रक्रिया
वशीकरण एक जटिल और संवेदनशील प्रक्रिया है, जिसमें मंत्र, तंत्र और विशेष सामग्री का प्रयोग किया जाता है। इसे करने के लिए पूर्ण एकाग्रता, विश्वास और अनुशासन की आवश्यकता होती है। वशीकरण की प्रक्रिया में निम्नलिखित मुख्य तत्व शामिल होते हैं:
मंत्र: विशेष प्रकार के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। जैसे – “ॐ नमः भगवते रूद्राय…” आदि।
साधना: मंत्रों को सिद्ध करने के लिए रात्रिकाल में या विशेष तिथियों पर साधना की जाती है।
सामग्री: कुछ विशेष वस्तुएं जैसे गुलाब की पंखुड़ियाँ, चंदन, कपूर, दीपक, और पीला वस्त्र इत्यादि प्रयोग में लाए जाते हैं।
तांत्रिक या गुरु का मार्गदर्शन: बिना योग्य गुरु या जानकार के वशीकरण करना हानिकारक हो सकता है, इसलिए अनुभवी तांत्रिक की सलाह आवश्यक होती है।

वशीकरण का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो वशीकरण को एक प्रकार का मनोवैज्ञानिक प्रभाव या सम्मोहन (Hypnosis) माना जा सकता है। जब कोई व्यक्ति किसी के प्रभाव में आ जाता है, तो वह उसके अनुसार सोचने और कार्य करने लगता है। इसे ही कुछ लोग “वशीकरण” मान लेते हैं। कई बार यह केवल आत्म-सुuggestion या विश्वास का प्रभाव भी हो सकता है।

वशीकरण के फायदे और नुकसान

फायदे:
प्रेम संबंधों में सुधार या पुनः स्थापन।
शत्रुओं की मानसिकता को बदलना।
व्यवसाय या करियर में सकारात्मक बदलाव।
दांपत्य जीवन में सामंजस्य लाना।

नुकसान:
गलत उद्देश्य से किया गया वशीकरण दूसरों को मानसिक या भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
यदि विधि त्रुटिपूर्ण हो तो साधक को मानसिक और शारीरिक हानि हो सकती है।
कर्म के सिद्धांत के अनुसार, किसी की स्वतंत्र इच्छा पर नियंत्रण करना पाप के अंतर्गत आता है।

नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण
वशीकरण को लेकर समाज में मिश्रित विचार हैं। कुछ लोग इसे एक आध्यात्मिक शक्ति मानते हैं तो कुछ इसे धोखा और अंधविश्वास का नाम देते हैं। नैतिक दृष्टि से किसी की इच्छा या सोच को जबरन बदलना एक प्रकार की मानसिक हिंसा मानी जा सकती है। इसलिए यदि वशीकरण का प्रयोग करना भी हो, तो उसे केवल सकारात्मक और नेक इरादों से किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष
वशीकरण एक प्राचीन विद्या है, जो आज भी रहस्य और आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह न केवल तांत्रिक ज्ञान का हिस्सा है बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराइयों में समाया हुआ है। हालांकि इसका प्रयोग करते समय व्यक्ति को सतर्कता, नैतिकता और जिम्मेदारी के साथ काम लेना चाहिए। अंधविश्वास से दूर रहकर, सही मार्गदर्शन और अच्छे उद्देश्य के लिए किया गया वशीकरण ही सकारात्मक परिणाम ला सकता है।

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