आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को है। यह पूर्णिमा अत्यंत सिद्ध और चमत्कारिक होती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के उपाय भी किए जाते हैं। अनेक तांत्रिक लोग इस पूर्णिमा पर लक्ष्मी साधनाएं करते हैं।
लक्ष्मी साधना के लिए सामग्री
मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र, श्रीयंत्र धातु का या चित्र, एक कलश, नारियल, लकड़ी की चौकी, लाल कपड़ा, पूजन की समस्त सामग्री, सिंदूर, कुमकुम, मौली, अक्षत, केसर, चंदन, एक मोती शंख, पांच गोमती चक्र, पांच पीली-सफेद कौड़ी, पांच प्रकार के फल, मखाने की खीर।
कैसे करें लक्ष्मी साधना
शरद पूर्णिमा की रात्रि में ठीक 12 बजे एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके साथ ही श्रीयंत्र भी स्थापित करें। श्रीयंत्र किसी धातु का भी हो सकता है और चित्र भी। धातु को हो तो ज्यादा शुभ है। अब साबुत चावल की ढेरी बनाकर उस पर एक कलश में जल भरकर रखें और उसमें लाल पुष्प डालें और उस पर लाल कपड़ा रखकर नारियल रख दें। अब समस्त द्रव्यों से लक्ष्मी और श्रीयंत्र का पूजन करें। श्रीयंत्र पर केसर को घोलकर नौ बिंदियां लगाएं। लक्ष्मी मां को सुंदर वस्त्राभूषण से सुशोभित करें। गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी, दक्षिणा आदि से पूजा करें। मोती शंख, गोमती चक्र और कौड़ियों का पूजन करें, केसर की बिंदी लगाएं। मां लक्ष्मी को मखाने की खीर का नैवेद्य लगाएं। अब श्रीसूक्त या कनकधारा स्तोत्र के 21 पाठ करें। लक्ष्मी मां की आरती करें। अगले दिन एक लाल कपड़े की पोटली सिलकर उसमें मोती शंख, गोमती चक्र और पीली कौड़ी बांधकर रख लें। इसे ऐसे स्थान पर सुरक्षित रख लें जहां आप अपना धन, पैसा, आभूषण रखते हों।
लक्ष्मी साधना के लाभ
1. लक्ष्मी साधना करने के लिए शरद पूर्णिमा सबसे उपयुक्त और श्रेष्ठ दिन होता है। इस दिन चंद्र अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त होता है।
2. लक्ष्मी साधना करने से साधक के जीवन में शुभ संकल्पों का संचार होता है। उसके कार्यों की बाधाएं दूर होती जाती हैं और वह जीवन में निरंतर उन्नति करता जाता है। उसके जीवन में किसी चीज का अभाव नहीं रह जाता है।
3. शरद पूर्णिमा पर की गई लक्ष्मी साधना कार्तिक अमावस्या के समान फलदायी होती है और इस दिन मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाने को आतुर रहती हैं।
4. इस रात्रि में जो साधक लक्ष्मी साधना करता है उसके घर में स्थायी रूप से लक्ष्मी का वास हो जाता है।
5. शरद पूर्णिमा पर श्रीयंत्र की साधना करने से धन-संपत्ति, सुख-वैभव, सम्मान की प्राप्ति होती है।
6. शरद पूर्णिमा भगवान श्रीकृष्ण का पूजन भी अवश्य करना चाहिए। इससे साधक के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि होती है।
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