गुरु पुष्य : 8 घंटे 49 मिनट बन रहा महायोग


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन शुक्ल योग में गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। 21 नवंबर 2024 को यह महायोग प्रात: 6 बजकर 48 मिनट से दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। 8 घंटे 49 मिनट का यह महायोग अत्यंत सिद्ध समय रहेगा। इस समय में अपने जीवन के अनेक संकटों का निवारण करने के उपाय किए जा सकते हैं।

1. यदि आपका भाग्य कमजोर है, काम चलते-चलते अटक जाते हैं, कड़ी मेहनत करने के बाद भी पैसा नहीं आता, कर्ज बढ़ता जा रहा है तो गुरु पुष्य के संयोग में खड़ी हल्दी अवश्य खरीदें। इससे भाग्य मजबूत होगा।

2. गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात: नहाने के पानी में थोड़ी सी हल्दी डालकर स्नान करें। इससे बृहस्पति ग्रह की पीड़ा दूर होगी और बृहस्पति मजबूत होगा, जिससे मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।

3. गुरु पुष्य के दिन केसर-हल्दी का तिलक करके घर से निकले, उस दिन के सारे काम पूरे होंगे और उनमें सफलता मिलेगी। लोग आपसे प्रभावित होंगे और आपकी बातों को महत्व देंगे।

4. गुरु पुष्य के दिन श्रीयंत्र का पूजन करके कनकधारा स्तोत्र के पाठ की 11 आवृत्ति करने से धन की प्राप्ति होती है। जो काम आप कर रहे हैं चाहे नौकरी हो या व्यापार उसमें सफलता मिलने लगेगी।

5. गुरु पुष्य के दिन केले के पेड़ में हल्दी वाला पानी चढ़ाने से विवाह की बाधा दूर होती है। इस दिन किसी ब्राह्मण दंपती को सवा किलो हल्दी भेंट करें। आपका भाग्य चमक उठेगा।

6. गुरु पुष्य के संयोग में चांदी का चौकोर टुकड़ा खरीदें और इस पर केसर से चारों कोनों में बिंदी लगाकर पूजन करें। इसे अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखने से धन की आवक बढ़ने लगती है।

7. गुरु पुष्य के दिन भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण भगवान को पीले पुष्पों का श्रृंगार कर केले और देसी घी की मिठाई का नैवेद्य लगाएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। अनेक संकट दूर होंगे और मन प्रसन्न रहेगा।

8. गुरु पुष्य के दिन श्रीकृष्ण भगवान के साथ तुलसी का पूजन करने से मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

9. क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र की 11 माला जाप गुरु पुष्य में करने से वशीकरण की शक्ति प्राप्त हो जाती है। लोग आपके प्रति आकर्षित होते हैं और आपका कहना मानने लगते हैं।

10. गुरु पुष्य के संयोग में भगवान विष्णु का अभिषेक केसर मिश्रित दूध से करें। पूजन करें। श्रृंगार करें, नैवेद्य लगाएं, आरती करें आपके सारे मनोरथ पूरे होंगे।