उत्पन्ना एकादशी के दिन ये उपाय करेंगे सारे संकट दूर


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को उत्पन्ना या उत्पत्ति एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन एकादशी की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है। इस एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि को बादाम का नैवेद्य लगाकर बादाम को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर 2024 मंगलवार को आ रही है। हस्त नक्षत्र और प्रीति योग में आ रही यह एकादशी विशेष पूजनीय है और इसका व्रत करने से पारिवारिक सुख, सामंजस्य बना रहता है और सभी के बीच प्रीति रहती है। विधि विधान से व्रत रखकर उत्पन्ना एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुनना चाहिए।

उत्पन्ना एकादशी व्रत की कथा
सतयुग में मूर नामक राक्षस था। वह त्रिलोक पर अपना आधिपत्य करना चाहता था। इसी क्रम में उसने देवताओं पर विजय प्राप्त कर इंद्र को अपने अधीन बना लिया। मूर के इस कृत्य से रक्षा की गुहार लगाने सभी देवता भगवान शंकर की शरण में पहुंचे। भगवान शंकर ने देवताओं को विष्णुजी के पास भेजा। विष्णुजी ने दानवों की सेना को तो परास्त कर दिया लेकिन बचकर मूर भाग गया। विष्णु ने मूर को भागता देखकर युद्ध बंद कर दिया और स्वयं बद्रिकाश्रम की गुफा में आराम करने लगे। मूर ने वहां पहुंचकर विष्णुजी को मारना चाहा तभी विष्णुजी के शरीर से एक कन्या का जन्म हुआ जिसने तत्काल मूर का वध कर दिया। उस कन्या ने भगवान विष्णु को बताया कि मैं आपके अंश से उत्पन्न शक्ति हूं। विष्णुजी ने प्रसन्न होकर उस कन्या को आशीर्वाद दिया कि तुम संसार के माया जाल में उलझे तथा मोह के कारण मुझसे विमुख प्राणियों को मुझ तक लाने में सक्षम बनोगी। तुम्हारी आराधना करने वाले प्राणी आजीवन सुखी रहेंगे। इस कन्या को भगवान विष्णु ने एकादशी नाम दिया।

उत्पन्ना एकादशी का समय
एकादशी प्रारंभ 26 नवंबर रात्रि 1:01
एकादशी पूर्ण 27 नवंबर रात्रि 3:30
व्रत का पारणा 27 नवंबर दोप 1:20 से 3:30

उत्पन्ना एकादशी के दिन क्या करें
1. उत्पन्ना एकादशी के दिन धन संबंधी संकट दूर करने के लिए किसी हनुमान मंदिर में लगे हुए पीपल के पेड़ से सात पत्ते लें। इन पत्तों पर अष्टगंध से श्रीं लिखें और इन पत्तों को एक मौली से बांधकर हनुमानजी के समक्ष रखें। 11 मिनट रखे रहने के बाद इन पत्तों को कुएं में डाल आएं। धन का संकट दूर होने लगेगा।

2. एक पीपल के पत्ते पर कपूर रखकर श्रीहरि विष्णु भगवान के समक्ष प्रज्वलित करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। इस उपाय को करने से आर्थिक तंगी शीघ्र दूर होने लगती है।

3. इस एकादशी के दिन विष्णु भगवान को तुलसी पत्र डालकर पंचमेवों का भोग लगाने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

4. उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप का पूजन करना चाहिए। माखन-मिश्री का भोग लगाकर उन्हें सुंदर मोरपंख सजाएं। आपकी सारी इच्छाएं पूरी होंगी।