आज का पंचांग, 13 अक्टूबर 2024, रविवार

आज प्रात: 9:09 से एकादशी तिथि प्रारंभ हो रही है। जो लोग स्मार्त मन मानते हैं वे आज एकादशी का व्रत करेंगे जबकि कल 14 अक्टूबर को वैष्णव मतानुसार पापांकुशा एकादशी का व्रत किया जाएगा। आज दोपहर 3 बजकर 43 मिनट से पंचक प्रारंभ हो रहा है। शुभ कार्यों को करने के लिए पंचक का विचार नहीं किया जाता है किंतु अशुभ कार्यों में पंचक अवश्य देखा जाता है। पंचक काल में घर में नया पलंग लाना, गादी-बिस्तर लाना, लकड़ी-कंडे आदि का भंडारण करना वर्जित होता है। पंचक काल में यदि किसी की मृत्यु हो जाती है तो शव के साथ आटे के पांच पुतले बनाकर उनका भी अंतिम संस्कार किया जाता है, ताकि परिवार में अन्य कोई आपदा न आए।

विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : दशमी प्रात: 9:08 तक पश्चात एकादशी
नक्षत्र : धनिष्ठा रात्रि 2:50 तक
योग : शूल रात्रि 9:24 तक
करण : गर प्रात: 9:08 तक पश्चात वणिज

सूर्योदय : 6:23:39
सूर्यास्त : 6:01:35

चंद्रोदय : दोप 3:16
चंद्रास्त : रात्रि 2:46

आज की ग्रह स्थिति
सूर्य: कन्या
चंद्र: मकर, दोप 3:43 से कुंभ में
मंगल : मिथुन
बुध : तुला
गुरु : वृषभ, वक्री
शुक्र : वृश्चिक
शनि : कुंभ, वक्री
राहु : मीन
केतु : कन्या

दिन का चौघड़िया
चर : प्रात: 7:51 से 9:18
लाभ : प्रात: 9:18 से 10:45
अमृत : प्रात: 10:45 से दोप 12:13
शुभ : दोप 1:40 से 3:07
अभिजित : प्रात: 11:49 से दोप 12:36
प्रदोष काल : सायं 6:02 से 9:44

रात्रि का चौघड़िया
शुभ : सायं 6:02 से 7:34
अमृत : सायं 7:34 से रात्रि 9:07
चर : रात्रि 9:07 से 10:40

त्याज्य समय
राहु काल : सायं 4:34 से 6:02
यम घंट : दोप 12:13 से 1:40

आज विशेष : पापांकुश एकादशी स्मार्त मतानुसार
आज का शुभ अंक : 4
आज का शुभ रंग : कत्थई, लाल
आज के पूज्य : सूर्यदेव
आज का मंत्र : ऊं सूर्याय नम:
पंचक प्रारंभ : दोपहर 3:43 से

दशहरा : नीलकंठ को देख लिया तो समझो हो गई जीत

दशहरा हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख त्योहार है। वृहद रूप में यह त्योहार भगवान राम द्वारा रावण का वध किए जाने के रूप में मनाया जाता है। जब प्रभु श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष के वनवास पर गए थे, तब लंका के राजा रावण ने सीता का अपहरण कर उन्हें लंका की अशोक वाटिका में बंदी बनाकर रखा था और उन पर त्रिजटा समेत अनेक राक्षसियों का पहरा लगा दिया था। दशहरा अर्थात विजयादशी आज 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं दशहरा और इससे जुड़ी अन्य मान्यताओं और परंपराओं के बारे में-

नीलकंठ का दर्शन
दशहरा के दिन नीलकंठ का दर्शन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। नीलकंठ एक पक्षी होता है जो गहरे और हल्के नीले रंगों के मिश्रण वाला होता है। इसका गला अर्थात् कंठ पूरा नीला होता है। इस पक्षी को साक्षात भगवान शिव का स्वरूप कहा जाता है। भगवान राम ने रावण का वध करने से पूर्व इस पक्षी का दर्शन किया था। यदि दशहरे के दिन यह पक्षी दिखाई दे जाए तो इसे प्रणाम अवश्य करना चाहिए। इससे सर्वत्र आपकी जीत होगी।

शमी पत्र का महत्व
दशहरे के दिन रावण दहन के पश्चात एक-दूसरे को शमी पत्र दिया जाता है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में सोना पत्ती कहा जाता है। पौराणिक मान्यता है कि आश्विन शुक्ल दशमी के दिन धनपति कुबेर ने राजा रघु को शमी की पत्तियां देते हुए उन्हें स्वर्ण में बदल दिया था। इसलिए शमी पत्र देने का महत्व है। इस दिन शमी के वृक्ष का पूजन भी किया जाता है। इससे जुड़ी महाभारत काल की कथा है कि जब पांडव अज्ञात वास पर थे तब अर्जुन ने शमी के पेड़ पर अपना गांडीव धनुष छुपाकर रखा था और जब महाभारत युद्ध प्रारंभ हुआ तो इसी पेड़ से धनुष निकालकर युद्ध में विजय पाई थी।

देवी ने किया था महिषासुर वध
विजयादशमी महिषासुर वध का दिन भी है। इस दिन देवी दुर्गा के कात्यायिनी स्वरूप ने महिषासुर का वध करके तीनों लोगों को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई थी। इसलिए इस दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा भी है।

अबूझ या सर्वसिद्ध मुहूर्त दशहरा
दशहरा अर्थात विजयादशमी का दिन अबूझ मुहूर्त वाला कहलाता है। अर्थात् इस दिन कोई भी काम प्रारंभ करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं रहती है। इसलिए इस दिन भूमि, भवन, वाहन, आभूषण आदि की खरीदी बड़ी संख्या में की जाती है। इस दिन की गई खरीदी सुख समृद्धि देने वाली होती है। इस दिन गृह प्रवेश, मुंडन, नामकरण आदि काम भी किए जाते हैं।

आज का पंचांग, 12 अक्टूबर 2024, शनिवार

आज मनाएं विजयादशमी
आज का दिन अत्यंत शुभ है। आज शारदीय नवरात्र का अंतिम दिवस महानवमी और विजयादशमी का पर्व दोनों साथ मनाए जाएंगे। नवरात्र का उत्थापना आज होगा। हवन, कन्या पूजन, कन्या भोजन, ब्राह्मण भोजन जैसे कर्म आज ही किए जाएंगे, वहीं दशमी तिथि लग जाने के कारण सायंकाल में रावण दहन होगा। आज के दिन नवमी तिथि प्रात: 10:57 पर पूर्ण हो जाएगी और दशमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी। आज के दिन शमी का पूजन करने से सर्वत्र विजय की प्राप्ति होगी। क्षत्रियों में आज के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा भी है। आज के दिन रावण दहन के बाद घर-परिवार के बुजुर्गों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। बुजुर्ग आशीर्वाद के साथ बच्चों को कोई वस्तु भेंट करते हैं।

विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : नवमी प्रात: 10:57 तक पश्चात दशमी
नक्षत्र : श्रवण दूसरे दिन प्रात: 4:26 तक
योग : धृति रात्रि 12:20 तक
करण : कौलव प्रात: 10:57 तक पश्चात तैतिल

सूर्योदय : 6:23:15
सूर्यास्त : 6:02:27

चंद्रोदय : दोप 2:32
चंद्रास्त : रात्रि 1:42

आज की ग्रह स्थिति
सूर्य: कन्या
चंद्र: मकर में
मंगल : मिथुन
बुध : तुला
गुरु : वृषभ, वक्री
शुक्र : तुला, वृश्चिक में कल प्रात: 6 बजे से
शनि : कुंभ, वक्री
राहु : मीन
केतु : कन्या

दिन का चौघड़िया
शुभ : प्रात: 7:51 से 9:18
चर : दोप 12:13 से 1:40
अमृत : दोप 3:08 से सायं 4:35
अभिजित : प्रात: 11:50 से दोप 12:36
प्रदोष काल : सायं 6:02 से रात्रि 8:31

रात्रि का चौघड़िया
लाभ : सायं 6:02 से 7:35
शुभ : रात्रि 9:08 से 10:40

त्याज्य समय
राहु काल : प्रात: 9:18 से 10:45
यम घंट : दोप 1:40 से 3:08

आज विशेष : महानवमी कन्या पूजन, नवरात्रि उत्थापन, विजयादशमी
आज का शुभ अंक : 3
आज का शुभ रंग : नीला, काला, धूसर
आज के पूज्य : शनिदेव
आज का मंत्र : ऊं शं शनैश्चराय नम:

आज का पंचांग, 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार

विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : अष्टमी दोपहर 12:06 तक पश्चात नवमी
नक्षत्र : उत्तराषाढ़ा दूसरे दिन प्रात: 5:24 तक
योग : सुकर्मा रात्रि 2:45 तक
करण : बव दोप 12:06 तक पश्चात बालव

सूर्योदय : 6:22:52
सूर्यास्त : 6:03:21

चंद्रोदय : दोप 1:45
चंद्रास्त : रात्रि 12:38

आज की ग्रह स्थिति
सूर्य: कन्या
चंद्र: धनु, प्रात: 11:40 से मकर में
मंगल : मिथुन
बुध : तुला
गुरु : वृषभ, वक्री
शुक्र : तुला
शनि : कुंभ, वक्री
राहु : मीन
केतु : कन्या

दिन का चौघड़िया
चर : प्रात: 6:23 से 7:50
लाभ : प्रात: 7:50 से 9:18
अमृत : प्रात: 9:18 से 10:46
शुभ : दोप 12:13 से 1:41
चर : सायं 4:36 से 6:03
अभिजित : प्रात: 11:50 से दोप 12:36
प्रदोष काल : सायं 6:03 से रात्रि 8:32

रात्रि का चौघड़िया
लाभ : रात्रि 9:08 से 22:41

त्याज्य समय
राहु काल : प्रात: 10:46 से दोप 12:13
यम घंट : दोप 3:08 से सायं 4:36

आज विशेष : आश्विन नवरात्र की अष्टमी-नवमी
आज का शुभ अंक : 2
आज का शुभ रंग : सफेद, गुलाबी
आज के पूज्य : श्री कृष्ण
आज का मंत्र : ऊं कृं कृष्णाय नम:

आज का पंचांग, 10 अक्टूबर 2024, गुरुवार

विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : सप्तमी दोप 12:31 तक पश्चात अष्टमी
नक्षत्र : पूर्वाषाढ़ा दूसरे दिन प्रत: 5:40 तक
योग : अतिगंड दूसरे दिन प्रात: 4:35 तक
करण : वणिज दोप 12:31 तक पश्चात भद्रा

सूर्योदय : 6:22:29
सूर्यास्त : 6:04:14

चंद्रोदय : दोप 12:53
चंद्रास्त : रात्रि 11:36

आज की ग्रह स्थिति
सूर्य: कन्या
चंद्र: धनु
मंगल : मिथुन
बुध : तुला में प्रात: 11:19 से
गुरु : वृषभ, वक्री
शुक्र : तुला
शनि : कुंभ, वक्री
राहु : मीन
केतु : कन्या

दिन का चौघड़िया
चर : प्रात: 10:46 से दोप 12:13
लाभ : दोप 12:13 से 1:41
शुभ : सायं 4:37 से 6:04
अभिजित : प्रात: 11:50 से दोप 12:37
प्रदोष काल : सायं 6:04 से रात्रि 8:33

रात्रि का चौघड़िया
अमृत : सायं 6:04 से 7:37
चर : सायं 7:37 से रात्रि 9:09

त्याज्य समय
राहु काल : दोप 1:41 से 3:09
यम घंट : प्रात: 6:22 से 7:50

आज विशेष : आश्विन नवरात्र का सप्तम दिवस, मां कालरात्रि का पूजन।
आज का शुभ अंक : 1
आज का शुभ रंग : पीला
आज के पूज्य : श्री हरि विष्णु
आज का मंत्र : ऊं नमो भगवते वासुदेवाय

अष्टमी, नवमी पूजन कब करें, दशहरा कब मनाएं

आश्विन मास की शारदीय नवरात्रि में इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि के कारण आम जनमानस में अष्टमी-नवमी पूजन को लेकर भारी भ्रम बना हुआ है। अष्टमी-नवमी ऐसे दिन होते हैं जब घरों में कुलदेवी का पूजन किया जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन होने के कारण आगे की दो तिथियां संयुक्त हो गई हैं। इस लेख में आपको सटीक और सही शास्त्र सम्मत जानकारी दी जा रही है। पढ़ें और लाभ लें तथा इसे आगे भी प्रसारित करना न भूलें।

इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर 2024 आश्विन शुक्ल नवमी तक रहेंगे। अब इस बार सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति अष्टमी और नवमी पूजन को लेकर है। कई लोग 10 अक्टूबर को अष्टमी पूजन कर रहे हैं तो कई लोग 11 अक्टूबर को अष्टमी पूजन करेंगे।

पंचांगों के अनुसार 10 अक्टूबर को अष्टमी तिथि दोपहर 12 बजकर 32 मिनट से प्रारंभ होकर 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। शास्त्रों में सप्तमी युक्त अष्टमी तिथि में कुलदेवी पूजन निषेध बताया गया है। इसलिए 10 अक्टूबर को कुलदेवी पूजन नहीं किया जाएगा। इस दिन भद्रा भी रहेगी।

11 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि रहेगी और दोपहर 12:06 से नवमी लग जाएगी। इसलिए कुलदेवी का पूजन नवमी युक्त अष्टमी तिथि में 11 अक्टूबर को ही करें। नवमी युक्त अष्टमी तिथि में कुलदेवी का पूजन करना सर्वसुखदायक और श्रेष्ठ रहेगा।

अब यहां प्रश्न यह उठता है कि अनेक लोग सायंकाल में नवमी पूजन करते हैं। तो उनके लिए उत्तर यह है कि जो लोग सायंकाल में नवमी पूजन करते हैं वे 11 अक्टूबर को ही सायंकाल में नवमी पूजन कर लें। जो लोग प्रात:काल में नवमी पूजन करते हैं वे 12 अक्टूबर को प्रात: नवमी का कुलदेवी पूजन करें और कन्या भोजन, हवन, नवरात्रि पूजन आदि 12 अक्टूबर को प्रात: ही करें।

दशहरा कब
12 अक्टूबर को नवमी तिथि प्रात: 10:57 बजे तक रहेगी। इसके बाद दशमी लग जाएगी। इसलिए दशहरा विजयादशमी 12 अक्टूबर
को ही मनाया जाएगा।

प्रमुख तारीखें
11 अक्टूबर शुक्रवार- अष्टमी पूजन, सायंकाल नवमी पूजन
12 अक्टूबर शनिवार- प्रात:काल नवमी पूजन, कन्या पूजन, हवन आदि और सायंकाल में दशहरा

तिथि कब तक
11 अक्टूबर- अष्टमी दोपहर 12:06 बजे तक, पश्चात नवमी
12 अक्टूबर- नवमी प्रात: 10:57 बजे तक, पश्चात दशमी

यह समस्त जानकारी पंचांगों को शास्त्रों के आधार पर है। अत: किसी भी प्रकार का भ्रम न रखें।

आज का पंचांग, 9 अक्टूबर 2024, बुधवार

विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : षष्ठी दोपहर 12:13 तक, पश्चात सप्तमी
नक्षत्र : मूल दूसरे दिन प्रात: 5:14 तक
योग : सौभाग्य प्रात: 6:35 तक पश्चात शोभन
करण : तैतिल दोप 12:13 तक, पश्चात गर

सूर्योदय : 6:22:07
सूर्यास्त : 6:05:09

चंद्रोदय : प्रात: 11:58
चंद्रास्त : रात्रि 10:36

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आज का पंचांग, 8 अक्टूबर 2024, मंगलवार

विक्रम संवत : 2081
शालिाम वाहन शके : 1946
मास : आश्विन शुक्ल पक्ष
ऋतु : शरद
अयन : दक्षिणायन

तिथि : पंचमी प्रात: 11:17 तक, पश्चात षष्ठी
नक्षत्र : ज्येष्ठा दूसरे दिन प्रात: 4:07 तक
योग : आयुष्मान प्रात: 6:49 तक, पश्चात सौभाग्य
करण : बालव प्रात: 11:17 तक पश्चात कौलव

सूर्योदय : 6:21:45
सूर्यास्त : 6:06:04

चंद्रोदय : प्रात: 11:01
चंद्रास्त : रात्रि 9:42

आज की ग्रह स्थिति
सूर्य: कन्या
चंद्र: वृश्चिक
मंगल : मिथुन
बुध : कन्या, अस्त
गुरु : वृषभ
शुक्र : तुला
शनि : कुंभ, वक्री
राहु : मीन
केतु : कन्या

दिन का चौघड़िया
लाभ : प्रात: 10:46 से दोप 12:14
अमृत : दोप 12:14 से 1:42
अभिजित: प्रात: 11:50 से दोप 12:37
प्रदोष काल : सायं 6:06 से रात्रि 8:34

रात्रि का चौघड़िया
लाभ : सायं 7:38 से रात्रि 9:10

त्याज्य समय
राहु काल : दोप 3:10 से सायं 4:38
यम घंट : प्रात: 9:18 से 10:46

आज विशेष : आश्विन नवरात्र का पंचम दिवस, मां स्कंदमाता का पूजन।
आज का शुभ अंक : 8
आज का शुभ रंग : लाल
आज के पूज्य : मां दुर्गा
आज का मंत्र : ऊं दुं दुर्गाये नम:

साप्ताहिक राशिफल : 7 से 13 अक्टूबर 2024

मेष : कर्ज चुकाने में सफल होंगे
अक्टूबर का यह दूसरा सप्ताह आपके लिए श्रेष्ठ परिणाम लेकर आया है। पारिवारिक जीवन में चल रहे सारे मनमुटाव और टकराव दूर होने वाले हैं। आर्थिक संकटों का समाधान मिलने वाला है और जो भी कर्ज आपने ले रखा है उसे चुकाने की सामर्थ्य आपमें आने वाली है। इसलिए तैयार हो जाइए अपनी सफलता का उत्सव मनाने के लिए। 11, 12 अक्टूबर को पारिवारिक समागम होगा।
सप्ताह का उपाय : हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं और उन्हें मीठा पान मंगलवार को भेंट करें।

वृषभ : धन की तंगी बनी रहेगी
आपके लिए अक्टूबर का यह सप्ताह थोड़ा उठापटक वाला रह सकता है किंतु घबराने की आवश्यकता नहीं है, काम जल्द ही पूरे होने लगेंगे। सामाजिक कार्यों में किसी सम्मान की अपेक्षा आप कर सकते हैं। आर्थिक क्षेत्र में स्थितियां सामान्य रहेंगी किंतु धन की तंगी पूरी तरह दूर होने में संदेह रहेगा। इस सप्ताह आपका प्रेम परवान चढ़ेगा और संभव है कि आप विवाह बंधन में भी बंध आएं।
सप्ताह का उपाय : इस पूरे सप्ताह आपको केसर का तिलक अपने मस्तक पर करना होगा।

मिथुन : प्रमोशन मिलने वाला है
यह सप्ताह आपकी आर्थिक उन्नति के लिए सर्वश्रेष्ठ रहने वाला है। कारोबारी जगत से जुड़े हुए हैं तो आप अच्छा लाभ अर्जित करने की अपेक्षा रख सकते हैं। नौकरीपेशा हैं तो उच्चाधिकारियों से चल रहे टकराव दूर होंगे और आप प्रमोशन पा सकते हैं। अपने अच्छे व्यवहार का अच्छा परिणाम मिलेगा। 9 और 10 अक्टूबर को कोई बड़ी कार्ययोजना साकार हो सकती है। लाभ ही लाभ होगा।
सप्ताह का उपाय : पेड़ पौधों की सेवा करें। क्रासुला का पौधा लगाएं धन बरसेगा।

कर्क : धन आएगा, खर्च भी हो जाएगा
यह सप्ताह अपनी कमियों को पहचानकर उन्हें दूर करने का रहेगा। किसी विशेष प्रयोजन से यात्राएं करनी कर पड़ सकती हैं। अचानक बड़ी धनराशि की आवश्यकता लग सकती है। पारिवारिक विवादों का निपटारा आपसी सूझबूझ से होगा। पैसा आएगा और उसे अपनी भौतिक आवश्यकताओं पर खर्च करेंगे। करियर में ग्रोथ मिलने वाली है। नए कामकाम प्रारंभ करने के लिए 12 अक्टूबर उत्तम दिन है।
सप्ताह का उपाय : इस सप्ताह चांदी का कोई आभूषण पहनकर रखें।

सिंह : आर्थिक तंगी दूर होगी
इस सप्ताह अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर न रहें। अपने काम स्वयं करेंगे तो हानि होने की आशंका नहीं रहेगी। किसी परिचित की आर्थिक मदद करनी पड़ सकती है। परिवार में सभी से सामंजस्य बनाकर चलना होगा। विवाद की स्थिति में अपने क्रोध और वाणी पर संयम रखें। पैसा आएगा। आर्थिक तंगी दूर होगी। सरकारी नौकरी से जुड़े लोगों का तबादला हो सकता है। व्यापार ठीक चलेगा।
सप्ताह का उपाय : लाल चंदन की माला गले में पहनकर रखें।

कन्या : निवेश से लाभ कमाएंगे
लंबे समय से जो शारीरिक कष्ट आपके साथ चल रहे थे वे इस सप्ताह दूर होने वाले हैं। स्वास्थ्य में सुधार होने से मन भी प्रसन्न रहेगा और काम में भी मन लगेगा। बेरोजगारों को इस सप्ताह नौकरी मिलने वाली है। नए व्यापारिक अनुबंध करेंगे और उनसे लाभ कमाएंगे। प्रेम संबंध प्रगाढ़ होंगे। दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी। निवेश से लाभ होगा। नई संपत्ति, वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं।
सप्ताह का उपाय : इस पूरे सप्ताह अपनी दाहिनी कलाई में हरे पेन से तीन डॉट बनाकर रखें।

तुला : रोग कम होंगे
यह सप्ताह आपके टूटे हुए प्रेम संबंधों को पुन: जोड़ने का रहेगा। आपके पार्टनर यदि आपसे रूठे हुए हैं तो उन्हें मनाने के प्रयास करें, बात करें, वो भी आपसे बात करना चाह रहे हैं। आर्थिक लाभ के अवसर आएंगे। धन का निवेश करेंगे किंतु इस सप्ताह किसी को पैसा उधार देने से बचना होगा। शारीरिक कष्ट कुछ कम होंगे। खर्च में भी कमी आएगी। पारिवारिक मेलजोल बढ़ेगा।
सप्ताह का उपाय : पूरे सप्ताह में कम से कम चार दिन सफेद या पिंक वस्त्र जरूर पहनें।

वृश्चिक : टकराव, विवाद हो सकता है
अब तक यदि आप आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं तो इस सप्ताह प्रसन्न हो जाइए, अटका हुआ पैसा आने वाला है। निवेश से भी लाभ अर्जित करेंगे। नौकरी में उन्नति के साथ बदलाव भी हो सकता है। स्थानांतरण के लिए तैयार रहें। नए स्टार्टअप साझेदारी में प्रारंभ कर सकते हैं। प्रेम और दांपत्य जीवन के टकराव आपसी बातचीत से हल करने के प्रयास करें। अविवाहितों का विवाह हो सकता है।
सप्ताह का उपाय : लाल चंदन का तिलक मस्तक पर लगाएं पूरे सप्ताह।

धनु : स्वास्थ्य लाभ होगा
इस सप्ताह अचानक कुछ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं जो आपको विचलित कर देंगी। संयम और धैर्य से सारी समस्याओं का समाधान मिल जाएगा। भाई-बहनों से विवाद हो सकता है। उच्चाधिकारियों से तालमेल बनेगा। नौकरी में बड़ी जिम्मेदारियां मिल सकती हैं। 11 अक्टूबर को बड़ा धन लाभ हो सकता है। अविवाहित विवाह बंधन में बंध सकते हैं। स्वास्थ्य लाभ होने वाला है।
सप्ताह का उपाय : पीला धागा दाहिनी कलाई में बांधकर रखें, बलाएं टल जाएंगी।

मकर : नए काम प्रारंभ करेंगे
शारीरिक और मानसिक रूप से थोड़े परेशान रह सकते हैं क्योंकि अनेक काम चलते-चलते अटक सकते हैं। पैसों की तंगी महसूस होगी। परिवार में महत्व कम मिलने से उदास भी रह सकते हैं। हालांकि सप्ताह के अंतिम तीन दिन शानदार जाने वाले हैं। मित्रों के साथ मनोरंजक यात्राओं पर जा सकते हैं। कार्यस्थल पर माहौल अच्छा और सुखद रहेगा। नए काम प्रारंभ करने का सही समय रहेगा।
सप्ताह का उपाय : लोहे का छल्ला अपनी मध्यमा अंगुली में धारण करके रखें।

कुंभ : विवादों का निपटारा होगा
यह सप्ताह कोर्ट कचहरी या ऐसे विवादों के निपटारे का रहेगा जो आप लंबे समय से ठीक करना चाह रहे हैं। अपने काम के प्रति ईमानदार रहें और मन लगाकर करें लाभ होगा। धन लाभ होने वाला है। घर में नया वाहन आएगा, संपत्ति भी खरीद सकते हैं। परिवार के साथ मेलजोल बढ़ेगा। मेहमान आएंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। रोगों पर हो रहे खर्च में कमी आएगी। नए काम प्रारंभ करेंगे।
सप्ताह का उपाय : नीले रंग का धागा अपनी दाहिनी कलाई में बांधकर रखें। सप्ताह पूरा होने के बाद खोल दें।

मीन : प्रेम संबंधों में गर्माहट आएगी
सप्ताह उत्साहवर्द्धक और शुभ है। लंबे समय से अटके हुए काम पूरे हो जाएंगे हालांकि नौकरी पेशा को थोड़ी भागदौड़ रहेगी। काम की अधिकता से परेशान रहेंगे। व्यापारी वर्ग प्रसन्न रहेंगे, काम में तेजी आएगी। प्रेम संबंधों में गर्माहट बनी रहेगी। प्रेमी-प्रेमिका साथ में अच्छा वक्त बिताएंगे। आर्थिक लाभ के अवसर भी आएंगे। नए भूमि, भवन, संपत्ति, वाहन खरीदने के योग भी बनेंगे।
सप्ताह का उपाय : इस सप्ताह लाल और पीला धागा अपनी दाहिनी कलाई में बांधकर रखें।

दो दिन का भ्रम न पालें, आनंदपूर्वक दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाएं

दीपावली मनाने को लेकर इस बार देशभर में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। दीपावली का पूजन 31 अक्टूबर को किया जाए या 1 नवंबर को इसे लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। अधिकांश विद्वान 31 अक्टूबर को दीपावली मनाने के पक्ष में हैं तो कुछ 1 नवंबर को मनाने की बात कह रहे हैं। पाठकों को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। आनंदपूर्वक, उल्लास के साथ पूर्ण भक्तिभाव सहित 31 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाएं।

शास्त्रीय मान्यता और परंपरा है कि महालक्ष्मी का पूजन कार्तिक अमावस्या की रात्रि में महानिशिथ काल में किया जाता है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 31 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से होगा और समापन 1 नवंबर को सायं 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। चूंकि महालक्ष्मी पूजन अमावस्या तिथि में ही करने की शास्त्रीय मान्यता है और यह तिथि 31 अक्टूबर को ही मध्यरात्रि में मिल रही है इसलिए इसी दिन दीपावली पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा।

प्रदोष काल दोनों दिन किंतु अमावस्या 31 को ही
महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त देखने के लिए प्रदोष काल महत्वपूर्ण होता है। प्रदोष काल 31 अक्टूबर और 1 नवंबर दोनों दिन मिल रहा है किंतु 1 नवंबर को महानिशिथ काल में अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, प्रतिपदा लग जाएगी। जबकि 31 अक्टूबर को प्रदोष काल और अमावस्या तिथि दोनों मिल रहे हैं इसलिए दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाना शास्त्रीय रहेगा। 31 अक्टूबर को प्रदोष काल सायं 5:48 से रात्रि 8:32 बजे तक रहेगा और महानिशिथ मुहूर्त रात्रि 11:45 से 12:36 तक रहेगा। इस समय में महालक्ष्मी पूजन करना सर्वश्रेष्ठ और सर्वसिद्धिदायक रहेगा।

कहां-कहां कब दीपावली
कालगणना के प्रमुख केंद्र भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन, दतिया, काशी, मथुरा, वृंदावन, देवघर, द्वारिका, प्रयागराज, तिरुपति समेत देश के अधिकांश भागों में दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जा रही है। जबिक अयोध्या, रामेश्वरम और इस्कान मंदिरों में दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर में भी 31 अक्टूबर को ही दीपावली बताई गई है।

31 अक्टूबर को क्यों मनाई जाए दीपावली
– दीपावली का त्योहार और महालक्ष्मी पूजन कार्तिक अमावस्या के प्रदोष काल और महानिशिथ काल में ही किया जाता है। ये दोनों काल केवल 31 अक्टूबर को ही मिल रहे हैं।
– अमावस्या तिथि में महालक्ष्मी पूजन किया जाता है और यह तिथि 31 अक्टूबर को ही मिल रही है। 1 नवंबर को सायंकाल 6:16 से कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा लग जाएगी। प्रतिपदा में लक्ष्मी पूजन नहीं किया जाता है।
– महालक्ष्मी पूजन में रात्रि में अमावस्या होना आवश्यक है। दीपावली पूजन में उदया तिथि को मान्यता नहीं है। इस कारण दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाना शास्त्र सम्मत है।

मंगलदायक रहेगा चित्रा-स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग में पूजन
महालक्ष्मी का पूजन चित्रा-स्वाति नक्षत्र के संयोग और प्रीति योग की साक्षी में 31 अक्टूबर की रात्रि में करना अत्यंत शुभ और श्रेष्ठ रहेगा। चित्रा नक्षत्र रात्रि 12:45 तक रहेगा उसके बाद स्वाति नक्षत्र प्रारंभ होगा और प्रीति योग 31 अक्टूबर को प्रात: 9:50 से प्रारंभ होकर संपूर्ण दिन-रात रहेगा।

कब कौन-से पर्व
29 अक्टूबर : धनतेरस
30 अक्टूबर : नरक चतुर्दशी
31 अक्टूबर : दीपावली, महालक्ष्मी पूजन