2025 में शनि बदलेगा राशि, मेष को लगेगी साढ़ेसाती


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
साल 2025 में सबसे बड़ा राशि परिवर्तन होने जा रहा है। यह राशि परिवर्तन है शनि का। शनि ढाई साल बाद अपनी राशि बदलने जा रहा है। 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ राशि को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करने जा रहा है। कुंभ शनि की स्वयं की राशि है और अब वह गुरु की राशि मीन में प्रवेश करने जा रहा है। शनि के इस गोचर से साढ़ेसाती का गणित भी बदलने वाला है। मकर राशि साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएगी, जबकि मेष राशि पर साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाएगी। शनि 29 मार्च 2025 से 3 जून 2027 तक मीन राशि में ही रहेगा। शनि के मीन राशि में जाने से कुंभ, मीन, मेष पर साढ़ेसाती रहेगी जबकि सिंह और धनु राशि पर लघु कल्याणी ढैया प्रारंभ हो जाएगा।

आइए विस्तार से जानते हैं किस राशि पर शनि का क्या प्रभाव होने वाला है-

मेष राशि
मेष राशि के जातकों को लोहे के पाये से मस्तक पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम ढैय्या प्रारंभ होगा। शनि का दसवें और ग्यारहवें स्थान का स्वामी होकर बारहवें स्थान में भ्रमण करना शुभप्रद नहीं है। शासन की तरफ से परेशानी, निरर्थक यात्राएं, व्यापार-व्यवसाय व नौकरी में अड़चनें, पारिवारिक क्लेश, आर्थिक क्षेत्र में उतार-चढ़ाव, अपव्यय, स्वयं, पति-पत्नि एवं संतान को शारीरिक कष्ट, भाग्य में मंदी तथा कर्जा (ऋण) लेने की स्थिति आएगी। जन्मकालीन मंगल, शनि अथवा सूर्य पर से शनि का भ्रमण अत्यंत अरिष्टप्रद रह सकता है। आय के स्रोत में कमी आएगी। जन्मकुंडली में शनि बलवान हो तो उपर्युक्त अशुभ फलों में कमी आकर व्यावसायिक उन्नति, मित्रों से सहयोग तथा धनलाभ के योग बनेंगे।

वृषभ राशि
वृषभ राशि के जातकों पर शनि स्वर्ण पद से भ्रमण करेगा। नौकरी और व्यापार-व्यवसाय में अच्छी सफलता मिलेगी, धन लाभ, लोहा-भूमि- सीमेंट के कामकाजों से अच्छा लाभ अर्जित करेंगे। वाहन, मशीनरी और आटो पार्ट्स के काम से अच्छा लाभ कमाएंगे, जिनका विवाह नहीं हुआ है उनके विवाह का योग 2025 में बन जाएगा, यशोमान में वृद्धि होगी। इस राशि के जातकों को साल 2025 में कन्या संतान की प्राप्ति होगी। शारीरिक रोग दूर होंगे। जन्मकुंडली में यदि शनि निर्बल होगा तो पति/पत्नि व संतान पीड़ा रहेगी, मित्रों व आत्मीयजनों से विश्वासघात एवं आशा भंग होगी।

मिथुन राशि
शनि के मीन राशि में गोचर करने से मिथुन राशि के जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होने वाले हैं। आपका भाग्योदय होगा जिससे बड़े आर्थिक लाभ मिलने वाले हैं। नौकरी, व्यवसाय में आशातीत उन्नति होगी, कोर्ट-कचहरी के मामलों में अनुकूलता, प्रभावशाली व्यक्तियों से परिचय होगा एवं उनसे लाभ होगा। पारिवारिक और सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। यदि जन्मांग अर्थात् आपकी कुंडली में जन्मकालीन शनि बलहीन होगा तो माता-पिता को पीड़ा, राजभय, नौकरी-व्यवसाय में परिवर्तन-बाधा, दांपत्य जीवन में विरोध की स्थिति बनेगी। शारीरिक स्वास्थ्य कमजोर रहेगा।

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शनि का मीन राशि में गोचर करना मिलजुला फलदायी रहने वाला है। शनि का लघु कल्याणी ढैया इस राशि से हट जाएगा। इस राशि के जिन जातकों की जन्मकुंडली में शनि मजबूत और शुभ स्थानों में होगा उन्हें तो अच्छी सफलताएं मिलने वाली है किंतु जिनकी कुंडली में शनि खराब स्थिति में है उन्हें विपरीत परिणाम भोगने पड़ेंगे। नौकरी-धन्धे में सफलता, धनलाभ, धर्म-कर्म में अभिरुचि, संत समागम, लाभकारी यात्राएं, यश-प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं संतान सुख प्राप्त होगा। जन्मतः शनि निर्बल होने पर भाई- बहन व मित्रों को कष्ट, संतति से पीड़ा, शत्रुभय, आर्थिक परेशानी, अनिष्ट प्रसंग, पति/पत्नि के स्वास्थ्य में खराबी एवं कार्यों में विघ्न आएंगे।

सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को शनि के मीन राशि में गोचर करने से लघुकल्याणी ढैय्या अष्टम स्थान में लौह पाद से प्रारंभ होगा। शनि आपके छठे एवं सातवें स्थान का स्वामी होकर अष्टम स्थान में भ्रमण करेगा जो शुभप्रद नहीं है। स्वयं व जीवनसाथी को शारीरिक पीड़ा, नौकरी-व्यवसाय में परेशानी, आर्थिक हानि, कोर्ट के मामलों में प्रतिकूलता, मित्र, वाहन व पशु हानि, निरर्थक यात्राएं, दुर्जनों से संगति, मनस्ताप तथा स्वजनों को कष्ट होंगे। जन्मत: शनि की स्थिति अच्छी होने पर भागदौड़ के साथ धनलाभ होगा, सफलता मिलेगी एवं अटके हुए कार्य पूर्ण होगे। स्वास्थ्य में लाभ होगा।

कन्या राशि
मीन राशिगत शनि का कन्या राशि पर प्रभाव ज्यादा शुभ नहीं रहेगा। पति/पत्नि में दीर्घ रोग, नौकरी-व्यवसाय में परेशानी, भागीदारी के कार्यों में हानि, शारीरिक पीड़ा, परदेशवास, कष्टदायक प्रवास, पुरुष की जन्मकुंडली में द्विभार्या योग होने पर पत्नि को अनिष्ट, कार्यों में विलंब तथा धन हानि के योग बनेंगे। इस राशि के जिन लोगों की जन्मकुंडली में शनि शुभप्रद होगा उन्हें आर्थिक लाभ, व्यावसायिक उन्नति, कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय एवं द्विभार्या योग होने में पुनर्विवाह के भी योग बनेंगे। जिन लोगों का विवाह नहीं हुआ है और कहीं तय भी नहीं हो पा रहा उनका विवाह इस साल होने के पूरे योग बनेंगे। धार्मिक यात्राएं होंगी।

तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शनि का राशि परिवर्तन कुछ मामलों में अत्यंत लाभदायक रहने वाला है। इस साल आपके सारे शत्रु समाप्त हो जाएंगे, आरोग्यता प्राप्त होगी, द्रव्यलाभ होगा, कोर्ट के मामलों में विजय, ऋण (कर्ज) से छुटकारा, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, नए कामकाज प्रारंभ करेंगे, मित्रों से लाभ, स्थायी संपत्ति प्राप्ति होगी तथा पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी । जिन जातकों का जन्मकालीन शनि निर्बल होगा उन्हें एकाधिक बार स्थान परिवर्तन का सामना करना पड़ेगा, अनावश्यक व्यय होंगे, माता व संतान को पीड़ा होगी तथा विद्यार्थियों को शिक्षा में विघ्न बाध की स्थिति बनेगी। साल 2025 में बड़े बदलावों का सामन करना होगा।

वृश्चिक राशि
शनि के मीन राशि में जाने के कारण वृश्विक राशि के जातकों पर से लघु कल्याणी ढैया हट जाएगा। इसलिए मिलाजुला फल मिलने वाला है। संतति को लेकर चिंता, परिवार में अनिष्ट प्रसंग, स्थान परिवर्तन, शेयर्स में हानि, विद्याध्ययन में रूकावट, आय से अधिक व्यय, नौकरी-धन्धे में उतार-चढ़ाव, पति/पत्नि को शारीरिक पीड़ा एवं बुद्धि भ्रम होगा । इस राशि के जिन जातकों की जन्मकुंडली मंक शनि श्रेष्ठ और मजबूत होगा उन्हें शिक्षा में पूर्णता का योग, कन्या संतान सुख, स्थायी संपत्ति की प्राप्ति, मित्रों से सुख एवं नौकरी-व्यवसाय में उन्नति प्राप्त होगी।

धनु राशि
शनि के मीन राशि में जाने से धनु राशि के जातकों को शनि का लघुकल्याणी ढैय्या चतुर्थ स्थान में लोहे के पाये से प्रारंभ होगा। इनके लिए शनि द्वितीय व तृतीय स्थान का स्वामी है। इसलिए स्थान परिवर्तन के योग बन रहे हैं, यात्रा में कष्ट हो सकता है, सौख्यता में कमी आएगी, स्वजनों से विरोध का सामना करना पड़ेगा, माता-पिता को शारीरिक पीड़ा एवं राजकीय संकट की स्थिति बन सकती है। जन्मकुंडली में शनि बलवान हो तो जमीन-जायदाद व वाहन सुख प्राप्त होगा, नौकरी-व्यवसाय में सफलता, फंसा हुआ- डूबा हुआ (नष्टांश) धन की प्राप्ति एवं कार्य सिद्धि होगी।

मकर राशि
शनि के मीन राशि में जाने से मकर राशि के जातकों पर से शनि की साढ़ेसाती समाप्त हो जाएगी। इससे लाभ प्राप्त होने लगेगा। उद्योग-धन्धा-नौकरी में उत्कर्ष प्राप्त करेंगे, अनेक माध्यमों से धनलाभ होगा, सर्वत्र अनुकूलता प्राप्त होगी, पद-पराक्रम में वृद्धि होगी, भातृसुख में वृद्धि, शत्रुनाश, आरोग्यता, भूमिलाभ, अभीष्ट कार्यों में सफलता एवं यशोमान की प्राप्ति होगी। सामाजिक जीवन में नए और बड़े पद मिल सकते हैं। जन्मकुंडली में शनि कमजोर होने पर कष्टप्रद यात्राएं, भाई-बहन व सन्तान को पीड़ा, मानसिक अशांति, इच्छा विरूद्ध स्थान परिवर्तन, अपयश तथा कुटुंबिक क्लेश होगा।

कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों को चांदी के पाये से शनि की साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या चरणों से प्रारंभ होगा। आपकी राशि कुंडली के अनुसार शनि बारहवें और प्रथम स्थान का स्वामी होकर द्वितीय स्थान में भ्रमण करेगा जो शुभप्रद नहीं है। प्रियजन का वियोग, धनहानि, पैतृक संपत्ति में विवाद, कुटुंबिक क्लेश, कदाचित गृहत्याग, पति/पत्नि को शारीरिक कष्ट, यश में कमी, नकारात्मक विचार एवं ऋण (कर्ज) लेने की स्थिति बनेगी। यदि जन्मांग में शनि बलवान होगा तो आय में वृद्धि के योग बनेंगे। कोर्ट में अनुकूलता होगी। स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होगी। यशोमान में वृद्धि होगी।

मीन राशि
मीन राशि के जातकों को सुवर्ण के पाद से शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढैय्या हृदय पर प्रारंभ होगा। शनि एकादश व द्वादश स्थान का स्वामी होकर प्रथम भाव में भ्रमण करने पर स्वास्थ्य में गड़बड़ी, नौकरी-धन्धे में उतार-चढ़ाव, कार्यों में रूकावट, स्वजनों का वियोग, स्थानांतरण, प्रवास योग, भागीदारी से हानि, नैराश्य भाव एवं पति/पत्नि को पीड़ा होगी। जन्म का शनि श्रेष्ठप्रद हो तो रूके हुए कार्य पूर्ण होंगे, आत्मबल में वृद्धि, लाभकारी यात्राएं व धनसुख योग बनेगा। प्रेम संबंध या विवाहेत्तर संबंध बन सकते हैं। उच्च शिक्षा के विद्यार्थी के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण होगा।

शनि बदलेगा राशि
29 मार्च 2025 से मीन में
3 जून 2027 से मेष में

शनि वक्री समय
13 जुलाई 2025 से
28 नवंबर 2025 तक
कुल अवधि 138 दिन

शनि अस्त समय
28 फरवरी 2025 से
6 अप्रैल 2025 तक
अवधि कुल 37 दिन

29 मार्च 2025 तक साढ़ेसाती और लघु ढैया
मकर : अंतिम ढैया
कुंभ : दूसरा ढैया
मीन : पहला ढैया
कर्क और वृश्चिक पर लघु ढैया

29 मार्च 2025 से साढ़ेसाती और लघु ढैया
कुंभ : अंतिम ढैया
मीन : दूसरा ढैया
मेष : पहला ढैया
सिंह और धनु पर लघु ढैया

बुध हुआ मार्गी, पांच उपायों से बनेंगे सारे काम


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
जन्मकुंडली में बुध के शुभ अवस्था में रहने के कारण अनेक काम स्वत: ही सही होने लगते हैं। जन्म कुंडली में बुध यदि अपनी नीच राशि मीन में हो, अस्त हो, वक्री हो या पाप ग्रहों राहु-केतु के साथ हो तो जातक द्वारा लिए गए सभी निर्णय गलत साबित होते हैं। उसके व्यापार-व्यवसाय में अनेक उतार-चढ़ाव आते हैं और वह स्थिर दिमाग का नहीं रह पाता है। वहीं इसके उलट बुध यदि अपनी उच्च राशि कन्या में हो और शुभ ग्रहों के साथ बैठा हो या शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो जातक द्वारा लिए गए छोटे से छोटे निर्णय भी सही साबित हो जाते हैं और उसे अनेक प्रकार के लाभ होते हैं। उसकी वाणी में साक्षात सरस्वती का वास हो जाता है।

बुध 15 दिसंबर 2024 को रात्रि 2 बजकर 28 मिनट पर मार्गी हो रहा है। बुध के मार्गी होने से सभी राशि के जातकों को लाभ होगा। किंतु हम आपको ऐसे पांच उपाय बताने जा रहे हैं जो आपके कमजोर बुध को भी मजबूत कर देंगे और फिर आपको अपने कार्यों में स्वत: सफलता मिलने लग जाएगी।

पहला उपाय
बुध को मजबूत करने के लिए सबसे पहला और सटीक उपाय है पेड़-पौधों की सेवा करना। अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाना चाहिए। यदि आपके घर-आंगन में पौधे लगे हुए हैं तो ध्यान रखें कि उनकी नियमित रूप से देखभाल करते रहें। उन्हें पानी दें, यदि किसी पौधे पर पत्तियां या टहनी खराब हो गई हैं, सूख गई हैं तो उन्हें काट दें, हटा दें। फूलदार पौधे लगाएं। इससे आपका बुध मजबूत होगा और उसके शुभ परिणाम मिलने लगेंगे।

दूसरा उपाय
बुध को मजबूत करने के लिए हरी वस्तुओं का दान किया जाता है। गाय को हरा चारा खिलाएं। ब्राह्मण को हरे फल और हरी सब्जियां दान में दें। हरे खड़े मूंग का दान करें। कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र दान करना चाहिए। कांसे के बर्तनों का दान गणेश मंदिर में करने से बुध की पीड़ा दूर होती हैं।

तीसरा उपाय
पांच बुधवार को किसी गणेश मंदिर में जाएं और गणेशजी को 108 दूर्वा अर्पित करें। मंदिर में बैठकर बुध के मंत्र ऊं ब्रां ब्रीं ब्रूं स: बुधाय स्वाहा का एक माला जाप करें। इससे बुध से जुड़ी सारी पीड़ाएं दूर हो जाएंगी। पांच बुधवार यह प्रयोग हो जाने के बाद छठे बुधवार को किसी ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाकर उन्हें हरे रंग के वस्त्र भेंट करें।

चौथा उपाय
बुधवार के दिन यदि कोई किन्नर मिल जाए तो इससे शुभ कुछ और हो ही नहीं सकता। किन्नर को अपने घर में आमंत्रित करके उसे भोजन करवाएं, और यदि वह भोजन करने का इच्छुक न हो तो भोजन के लिए आवश्यक रूपये दें। उनके पैर पूजकर हरे रंग के वस्त्र भेंट करें। उनसे आशीर्वाद लें। इससे बुध की कृपा प्राप्त होगी और आपके सारे निर्णय सही साबित होने लगेंगे।

पांचवा उपाय
बुधवार के दिन एक मिट्टी के कलश में हरे खड़े मूंग भरें और कलश का मुंह हरे रंग के कपड़े से बांध दें। इस कलश का पूजन करें और इसे किसी सुनसान जगह में गड्ढा खोदकर दबा दें या किसी नदी में प्रवाहित कर दें। यह प्रयोग बुधवार के दिन ही करना है और इसके बारे में किसी को बताना नहीं है। आपने ऐसा किया है यह गुप्त रखना है।

घोड़े की नाल चमका देगी किस्मत, बनाएगी धनवान


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
घोड़े के पैरों में लोहे की यू आकार की नाल लगाई जाती है ताकि उसे चलने और दौड़ने में आसानी हो। इसे हार्स शू भी कहते हैं। यह नाल घोड़े के पैरों की सुरक्षा करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं यही घोड़े की नाल इंसानों को भी अनेक परेशानियों से बचाती है और उनकी रक्षा करती है। जी हां, अक्सर आपने सुना-पढ़ा होगा कि घोड़े की नाल से बनी अंगूठी पहनने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। यह शनि के दुष्प्रभावों से बचाती है, लेकिन इसके अलावा भी अनेक परेशानियों से घोड़े की नाल आपकी रक्षा करती है। यह बुरी नजर और नकारात्मक शक्तियों से तो बचाती ही है, इसका उपयोग धन-समृद्धि में वृद्धि के लिए भी किया जाता है।

ये हैं घोड़े की नाल के लाभ
1. घोड़े की नाल को शनिवार के दिन घर के मुख्य द्वार पर सीधा लगाने से उस घर पर सदैव दैवीय कृपा बनी रहती है।
2. घोड़े की नाल को उल्टा करके घर के मुख्य द्वार पर लगाने से भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती।
3. काले घोड़े के पैरों से निकली हुई नाल का छल्ला बनवाएं। शनिवार के दिन पीपल पेड़ के नीचे एक लोहे (स्टील) की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें यह छल्ला डालें और उसमें अपना चेहरा देखें। इसके बाद यह तेल दान कर दें। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती या ढैया के दुष्प्रभाव में कमी आने लगती है।
4. यदि आप या आपके परिवार में कोई अक्सर बीमार रहता है तो उसके पलंग के चारों कोने में काले घोड़े की नाल से बनी कीलें ठोंक दें। रोगी शीघ्र स्वस्थ होने लगेगा।
5. शनिवार के दिन घोड़े की नाल से बनी अंगूठी मध्यमा अंगुली में पहनने से शनि के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
6. यदि आपका व्यापार-व्यवसाय अच्छा नहीं चल रहा है तो शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल को अपने व्यावसायिक स्थल पर लगाएं। व्यापार में उन्नति होने लगेगी।
7. घोड़े की नाल को काले कपड़े में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रखने से आपके धन कोष में वृद्धि होने लगती है।
8. खिलाड़ियों के लिए घोड़े की नाल का छल्ला पहनना काफी लाभदायक रहता है। इससे उनमें जोश और ऊर्जा बनी रहती है।
9. महिलाओं को घोड़े की नाल का छल्ला जरूर पहनना चाहिए। यदि पहन नहीं सकती तो इसे अपने पर्स में हमेशा रखें। यह आत्मविश्वास बढ़ाता है।
10. कमर दर्द की शिकायत रहती है तो अपनी कमर में घोड़े की नाल का छल्ला काले धागे में पहनने से लाभ मिलता है।

कैसे धारण करें घोड़े की नाल की अंगूठी
मान्यता है कि घोड़े की नाल तभी प्रभावी रहती है जब वह अपने आप घोड़े के पैर से उखड़कर गिरी हो और शनिवार के दिन किसी को मिले। लेकिन ऐसा अक्सर संभव नहीं होना। यह अत्यंत दुर्लभ है। इसलिए यदि आप घोड़े की नाल चाहते हैं तो किसी घोड़े रखने वाले व्यक्ति से शनिवार के दिन घोड़े के पैर से नाल निकलवाकर ले सकते हैं।

इस नाल को ॐ श्री शनिदेवाय नमः का उच्चारण करते हुए अपने घर ले आएं। इसे घर में न रखते हुए बाहर कहीं सुरक्षित स्थान रख दें। दूसरे दिन रविवार को उसे सुनार के पास ले जाकर उसमें से टुकड़ा कटवाकर उसमें थोड़ा सा तांबा मिलवा दें। ऐसी मिश्रित धातु की अंगूठी बनवाएं और उस पर नगीने लगाने के स्थान पर शिवमस्तु अंकित करा लें। अब उसे घर लाकर पूजन करें और पूजा स्थान पर नीले रंग के कपड़े के आसन पर स्थापित कर दें।

अगले शनिवार को व्रत रखें। शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे शनिदेव की पूजा करें और तिल या सरसों के तेल का दीपक लगाकर ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें। एक माला जाप के बाद पुनः अंगूठी को उठाएं और सात बार यही मंत्र पढ़ते हुए पीपल की जड़ से स्पर्श कराकर उसे पहन लें। यह अंगूठी मध्यमा अंगुली में धारण करनी चाहिए। उस दिन केवल एक बार संध्या को पूजनोपरांत भोजन करें और संभव हो तो प्रति शनिवार को व्रत रखकर पीपल के वृक्ष के नीचे शनिदेव की पूजा करते रहें। कम से कम सात शनिवार तक यही क्रम रखें तो शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है और धन-धान्य में वृद्धि होती है। दरिद्रता दूर होती है।

कैसा रहेगा आज का दिन : 14 नवंबर 2024 गुरुवार


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
दिनांक : 14 नवंबर 2024 गुरुवार
विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : कार्तिक शुक्ल पक्ष

तिथि : त्रयोदशी प्रात: 9:42 तक पश्चात चतुर्दशी (क्षय)
नक्षत्र : अश्विनी रात्रि 12:32 तक

दिन का चौघड़िया
चर : प्रात: 10:48 से दोप 12:11
लाभ : दोप 12:11 से 1:34
शुभ : सायं 4:19 से 5:42
अभिजित : प्रात: 11:49 से दोप 12:33

रात्रि का चौघड़िया
अमृत : सायं 5:42 से 7:19
चर : सायं 7:19 से रात्रि 8:57
प्रदोषकाल : सायं 5:42 से रात्रि 8:19

आज विशेष : बैकुंठ चतुर्दशी
आज का शुभ अंक : 5
आज का शुभ रंग : पीला, सफेद
आज के पूज्य : श्री हरि विष्णु
आज का मंत्र : ऊं विष्णवे नम:

आज का राशिफल
मेष : दिन सामान्य है। आवश्यक सभी काम पूरे होंगे, किंतु दौड़भाग करनी होगी। सेहत का ध्यान रखें।

वृषभ : यात्राएं होंगी, परिवार को समय देना होगा, मित्रों का सहयोग करना पड़ेगा, धन की आवक होगी।

मिथुन : आय कमजोर रहेगी, मानसिक तनाव होगा, परिवार से विवाद संभव है, कार्यस्थल पर ध्यान दें।

कर्क : मन किसी बात से विचलित रहेगा, धन अधिक खर्च होगा, सेहत प्रभावित होगी, मित्रों से मिलेंगे।

सिंह : संपत्ति के काम होंगे। मांगलिक प्रसंग आएंगे, स्वास्थ्य ठीक रहेगा, कोई सम्मान मिल सकता है।

कन्या : काम पूरे करने के लिए दौड़भाग रहेगी, करियर में ग्रोथ आएगी, धन आएगा, संपत्ति सुख मिलेगा।

तुला : कार्यस्थल पर तनाव महसूस होगा। विवाद होगा, धन तंगी रहेगी। स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।

वृश्चिक : संतान के कार्यों पर नजर रखें, किसी को पैसा उधार न दें, अचानक यात्राएं हो सकती हैं।

धनु : आर्थिक लाभ होगा, वाहन सुख मिलेगा, समाज में सम्मान मिलेगा, परिवार से संबंध सुधरेंगे।

मकर : मानसिक शांति रहेगी, दौड़भाग थमेगी, पद और पैसे में वृद्धि होगी, प्रेम संबंध मजबूत होंगे।

कुंभ : रोग दूर होंगे, मन प्रसन्न रहेगा, आज सारे काम सफल होंगे, नए काम प्रारंभ कर सकते हैं।

मीन : धन आएगा, मानसिक शांति रहेगी, धार्मिक यात्राएं कर सकते हैं, युवाओं को नई नौकरी मिलेगी।

आज का टोटका
आज गुरुवार के दिन अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए पीले कागज का पंचकोणीय टुकड़ा काटकर अपने पर्स में रखें। धन आएगा, सम्मान मिलेगा, सुख-संपत्ति प्राप्त होगी।

शनि हो रहा मार्गी, संकटों से बचना है तो करें ये उपाय


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल देने वाला ग्रह शनि 15 नवंबर 2024 शुक्रवार को सायं 7:51 बजे मार्गी होने जा रहे हैं। शनि 30 जून 2024 को वक्री हुआ था। 139 दिनों तक वक्री रहने के बाद शनि अब मार्गी हो रहा है। शनि के मार्गी हो जाने के कारण कुछ राशियों को लाभ होगा तो कुछ राशि के जातकों की परेशानी बढ़ सकती है।

साढ़ेसाती और अन्य राशि वालों पर प्रभाव
शनि वर्तमान में कुंभ राशि में गोचर कर रहा है। इसलिए मकर पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया, कुंभ पर दूसरा ढैया और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला ढैया चल रहा है। कर्क और वृश्चिक राशि पर लघु ढैया चल रहा है। शनि के मार्गी होने से साढ़ेसाती और लघु ढैया वाले जातकों की परेशानी कुछ कम होगी। जो काम अब तक अटके हुए थे वे आगे बढ़ने लगेंगे। धन आएगा। रोग मुक्ति होगी। अन्य राशि के जातकों को भी उनकी कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल प्राप्त होंगे।
(राशियों के बारे में विस्तृत जानकारी हम अगली पोस्ट में देंगे।)

कैसे बचें साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से
मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को काले घोड़े की नाल से बना छल्ला अपनी मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। इससे साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलेगी। काले घोड़े की नाल से बना छल्ला न मिले तो नाव की कील से बना छल्ला भी उपयोग में लिया जा सकता है।

शनिवार के दिन शनि मंदिर में बैठकर शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप रुद्राक्ष या काले हकीक की माला से करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

पीपल के पेड़ की पूजा शनिवार को करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शनिवार के दिन दोपहर 12 बजे से पूर्व पीपल के पेड़ में कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर अर्पित करें। सायंकाल उसी पीपल के पेड़ के नीचे आटे के सात दीपक लगाएं। इससे शनि दोष शांत होगा।

शनिवार के दिन हनुमानजी को चमेली के तेल से सिंदूर का चोला चढ़ाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी को देसी घी के हलवे का नैवेद्य लगाने से शनि की शांति होती है।

शनिवार के दिन घर में लोबान की धूप लगाना चाहिए। जिन लोगों को शनि की साढ़ेसाती और ढैया है उन्हें तो विशेष रूप से यह प्रयोग करना ही चाहिए।

यदि किसी जातक की कुंडली में शनि वक्री, नीच राशि में या चौथे-आठवें-बारहवें भाव में है तो उन्हें मार्गी होने के अनेक दुष्परिणाम देखने पड़ सकते हैं। धन हानि, करियर में बाधा, रोग, विवाद जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इनसे बचने के लिए हनुमानजी की नित्य आराधना करना आवश्यक है।

कैसा रहेगा आज का दिन 12 नवंबर 2024 मंगलवार


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
12 नवंबर 2024 मंगलवार
विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : कार्तिक शुक्ल पक्ष

तिथि : एकादशी सायं 4:04 तक
नक्षत्र : पूर्वाभाद्रपद प्रात: 7:51 तक पश्चात उत्तराभाद्रपद

दिन का चौघड़िया
लाभ : प्रात: 10:48 से दोप 12:11
अमृत : दोप 12:11 से 1:34
अभिजित : प्रात: 11:49 से दोप 12:33
प्रदोषकाल : सायं 5:42 से रात्रि 8:19

रात्रि का चौघड़िया
लाभ : सायं 7:20 से रात्रि 8:57

आज विशेष : देवोत्थान एकादशी
आज का शुभ अंक : 3
आज का शुभ रंग : लाल, पीला
आज के पूज्य : मां दुर्गा
आज का मंत्र : ऊं दुं दुर्गाये नम:

आज का राशिफल
मेष : दिन सफलतादायक रहेगा। आर्थिक लाभ होगा। संपत्ति सुख मिलेगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।

वृषभ : धन की तंगी दूर हो जाएगी। उधार दिया पैसा लौट आएगा। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।

मिथुन : परिवार में आनंदोत्सव होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आज आर्थिक संकटों से निजात मिल जाएगी।

कर्क : संबंधों को लेकर सतर्क रहें। किसी बात पर क्रोध न करें। अनावश्यक विवाद सामने आ सकते हैं।

सिंह : धन तंगी दूर होगी। संपत्ति सुख मिलेगा। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। करियर की चिंता दूर होने वाली है।

कन्या : मानसिक तनाव दूर होगा। काम सुगमता से होंगे। नौकरी और व्यवसाय में लाभ होने वाला है।

तुला : स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परिवार में आनंदोत्सव होगा। आर्थिक लाभ होगा। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।

वृश्चिक : कर्ज मुक्ति होगी। परिवार के साथ मनोरंजक यात्रा पर जाएंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम प्रगाढ़ होगा।

धनु : प्रेम प्रस्ताव मिलेगा। पैसा आएगा। युवाओं को नौकरी मिलेगी। नए काम प्रारंभ करने के लिए दिन ठीक है।

मकर : मन प्रसन्न रहेगा। मित्रों से मुलाकात होगी। पारिवारिक कार्यों पर खर्च करेंगे। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।

कुंभ : दिन मंगलमय है। शारीरिक-मानसिक तनाव कम होंगे। प्रियजनों से मुलाकात होगी। प्यार-पैसा मिलेगा।

मीन : पद और पैसा मिलेगा। युवा नए स्टार्टअप में पैसा लगाएंगे। यात्रा होगी। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात होगी।

आज का टोटका
आज लाल चंदन का तिलक अपने मस्तक और कंठ पर लगाएं। लाल पुष्प हनुमान जी या माता दुर्गा को अर्पित करें। गुड़-चने का नैवेद्य लगाएं। आज के दिन शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल अर्पित करने से आर्थिक संकट दूर होंगे।

कैसा रहेगा आज का दिन : 11 नवंबर 2024 सोमवार


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
11 नवंबर 2024 सोमवार
विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : कार्तिक शुक्ल पक्ष

तिथि : दशमी सायं 6:46 तक पश्चात एकादशी
नक्षत्र : शतभिषा प्रात: 9:39 तक

दिन का चौघड़िया
अमृत : प्रात: 6:38 से 8:01
शुभ : प्रात: 9:25 से 10:48
चर : दोप 1:34 से 2:57
लाभ : दोप 2:57 से सायं 4:20
अमृत : सायं 4:20 से 5:43
अभिजित : प्रात: 11:48 से दोप 12:33
प्रदोषकाल : सायं 5:43 से रात्रि 8:19

रात्रि का चौघड़िया
चर : सायं 5:43 से 7:20

आज विशेष :
आज का शुभ अंक : 2
आज का शुभ रंग : सफेद, पिंक
आज के पूज्य : श्री कृष्ण
आज का मंत्र : कृं कृष्णाय नम:

आज का राशिफल
मेष : दिन शुभ है। काम सफल होंगे। पैसा आएगा। परिवार में मेहमान आएंगे। रिश्तों में सुधार आएगा।
वृषभ : विवादों से बचें। दिन सामान्य है। अटके काम चल पड़ेंगे। धन आएगा, खर्च भी होता जाएगा।
मिथुन : स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सामाजिक दायित्व बढ़ेंगे। धन आएगा, संपत्ति के मामले सुलझेंगे।
कर्क : कामकाज में सफलता मिलेगी, नए काम प्रारंभ करेंगे। अचानक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।
सिंह : मांगलिक प्रसंगों में जाएंगे। आध्यात्मिकता में रुचि होगी। नौकरी और करियर की चिंता दूर होगी।
कन्या : मन प्रसन्न रहेगा। पैसा आएगा और निवेश करेंगे। दांपत्य में मजबूती आएगी। नौकरी मिलेगी।
तुला : प्रेम प्रस्ताव मिलेगा। आर्थिक संकट कम होगा। काम में तेजी आएगी। आज यात्राएं हो सकती है।
वृश्चिक : रोग दूर होंगे। परिवार में मेहमान आएंगे। दोस्तों से मुलाकात होगी। धन का संकट दूर हो जाएगा।
धनु : नए काम प्रारंभ होंगे। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। रोग दूर होंगे। करियर की चिंता दूर होगी। सम्मान मिलेगा।
मकर : यात्राएं होंगी। परिजनों से मिलना होगा। सेहत अच्छी रहेगी। मन प्रसन्न रहेगा। पैसे की तंगी दूर होगी।
कुंभ : धन का संकट कम होगा। मन में काम करने की उत्सुकता रहेगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
मीन : स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परिवार से मिलना होगा। दांपत्य जीवन मधुर रहेगा। धन की तंगी दूर होने वाली है।

आज का टोटका
आज सभी राशि के जातक शिवजी के मंदिर जाएं और उन्हें पांच बिल्व पत्र और एक जनेऊ अर्पित करें। अपनी समस्या कहें और वहीं बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें। संकट दूर होंगे।

Tag : aaj ka panchang, kaisa rahega aaj ka din, aaj ka upay, aaj ka totka.

देवउठनी एकादशी से प्रारंभ हो जाएंगे विवाह, ये हैं मुहूर्त


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर 2024 मंगलवार को श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा से जाग जाने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा और वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इन दिन तुलसी विवाह के आयोजन भी होते हैं। मंदिरों- घरों में गन्ने से आकर्षक मंडप सजाकर उसमें तुलसी-शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। इसके साथ ही मनुष्यों के लिए भी वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन बड़ी संख्या में निजी और सामूहिक विवाह के कार्यक्रम होते हैं।

यहां हम पाठकों की सुविधा के लिए नवंबर से मार्च तक के विवाह मुहूर्त प्रस्तुत कर रहे हैं। ये शुद्ध वैवाहिक मुहूर्त हैं। भावी वर-वधु के नाम की राशि से विवाह के मुहूर्त निकलवाने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

नवंबर में विवाह मुहूर्त
16 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष कृष्ण प्रथम
22 नवंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
26 नवंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी
27 नवंबर बुधवार, मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी

दिसंबर में विवाह मुहूर्त
5 दिसंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी
6 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी-षष्ठी
7 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी
14 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी

जनवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
16 जनवरी गुरुवार, माघ कृष्ण तृतीया
17 जनवरी शुक्रवार, माघ कृष्ण चतुर्थी
22 जनवरी बुधवार, माघ कृष्ण अष्टमी

फरवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
3 फरवरी सोमवार, माघ शुक्ल षष्ठी
4 फरवरी मंगलवार, माघ शुक्ल सप्तमी
7 फरवरी शुक्रवार, माघ शुक्ल दशमी
13 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा
18 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण षष्ठी
20 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण सप्तमी
21 फरवरी शुक्रवार, फाल्गुन कृष्ण अष्टमी
25 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण द्वादशी

मार्च 2025 में विवाह मुहूर्त
5 मार्च बुधवार, फाल्गुन शुक्ल षष्ठी
6 मार्च गुरुवार, फाल्गुन शुक्ल सप्तमी

विशेष :
15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक धनु मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।
19 मार्च 2025 से 23 मार्च 2025 तक चार दिन शुक्र अस्त रहने से विवाह नहीं होंगे।
14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक मीन मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।

मंगलवार को करें यह काम, खुल जाएगी किस्मत


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
यदि आप संकटों से घिरे हुए हैं, जी-जान से मेहनत करने के बाद भी धन नहीं आ रहा है, कर्ज में डूबते जा रहे हैं, रोग आपको या आपके परिवार को घेरे हुए है, बार-बार दुर्घटना हो रही है तो मंगलवार के दिन आपको ये उपाय अवश्य करने चाहिए।

अष्टसिद्धि, नवनिधि के दाता हनुमानजी महाराज स्मरण करने मात्र से किसी न किसी रूप में प्रकट होकर आपकी समस्याओं का समाधान अवश्य करते हैं। मंगलवार हनुमानजी का सबसे प्रिय दिन होता है, क्योंकि इसी दिन उनका जन्म हुआ था। मंगलवार को हनुमानजी से जुड़े उपाय करने से, उनकी विशेष पूजा करने से, उनके मंत्रों का जाप करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और किसी न किसी रूप में आपकी समस्या का हल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय-

मंगलवार के दिन किसी ऐसे हनुमान मंदिर का चयन करें जो निर्जन स्थान में, जंगल में या शहर-गांव की सीमा से बाहर हो। ऐसे मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करें। हनुमानजी को चमेली के तेल में घोलकर सिंदूर का चोला चढ़ाएं। उन्हें सुंदर लाल रंग की लंगोट पहनाएं। उत्तरीय वस्त्र पहनाएं। जनेऊ धारण करवाएं। आकर्षक श्रृंगार करें। चमेली के फूलों की माला पहनाएं। मीठे पान का बीड़ा भेंट करें। गुड़-चने का नैवेद्य लगाएं, श्रीफल अर्पित करें। फिर उसी मंदिर में बैठकर सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद उनसे अपने अभीष्ट कामना की पूर्ति का अनुरोध करें और फिर कर्पूर से आरती करें। आपकी सारी समस्याओं का समाधान सात दिन के अंदर हो जाएगा।

मंगलवार के दिन सिद्ध हनुमान कड़ा धारण करें। यह कड़ा पंचधातु से बना हुआ होना चाहिए। इस कड़े को हनुमानजी के चरणों में रखकर ऊं हं हनुमते नम: मंत्र की 11 माला से सिद्ध करें। मंगलवार के दिन इसे पहनने से आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे। धन, संपत्ति, सुख, सम्मान, निरोगी शरीर की प्राप्ति होती है।

मंगलवार के दिन हनुमान यंत्र की स्थापना घर में करना चाहिए। यह यंत्र पंचधातु में बना हुआ होना चाहिए। इस यंत्र को घर के पूजा स्थान में रखकर इसका नित्य दर्शन-पूजन करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

मंगलवार के दिन एक पानी वाला नारियल लें। इस पर सिंदूर से श्री राम लिखें। इसे आंकड़े के पत्तों में लपेटें और ऊपर से मौली से बांध दें। इस नारियल को हनुमानजी के चरणों में रखें और अपनी समस्याओं का समाधान करने की प्रार्थना करें। इसके बाद इस नारियल को ले जाकर नदी में विसर्जित कर आएं। नदी न हो तो तालाब, कुएं, बावड़ी में डाल आएं।

3 नवंबर को बंद हो जाएंगे केदारनाथ धाम के पट


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

.
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक जन-जन की आस्था के केंद्र विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर 2024 को प्रात: ठीक 8:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। प्रतिवर्ष शीतकाल के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। केदारनाथ धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद किए जाते हैं। इसके बाद अप्रैल-मई में पुन: कपाट खोले जाते हैं।

शनिवार को विशेष पूजा अर्चना के बाद केदारबाबा की पंचमुखी डोली को मंदिर में विराजमान किया गया। केदारनाथ में कपाट बंद होने के कारण आगामी छह महीने की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होते हैं।

क्या रहेगी योजना
3 नवंबर भाईदूज के अवसर पर परंपरानुसार रात्रि 2 बजे से 3:30 बजे तक भक्तों को जलाभिषेक करने की अनुमति रहेगी। इसके बाद गर्भगृह की साफ सफाई करने के बाद तड़के 4:30 बजे बाबा केदारनाथ को पूजा अर्चना, अभिषेक एवं आरती करने के साथ ही भोग लगाया जाएगा। इसके बाद समाधि पूजा करने के बाद भगवान को छह महीने की समाधि दी जाएगी। प्रात: ठीक 6 बजे गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और सभामंडप में स्थापित बाबा केदार की पंचमुखी डोली के सुबह 8:30 बजे मंदिर से बाहर आने के बाद पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछे के कपाट को बंद कर सील कर दिया जाएगा।

रामपुर में पहला पड़ाव
केदारनाथ से रवाना होगा इसी दिन बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 4 नवंबर को डोली रामपुर से प्रातः प्रस्थान कर फाटा, नारायकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 5 नवंबर को चल-विग्रह डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर 11 बजकर 20 बजे अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। पूर्व परंपरा के अनुसार अपने गद्दी स्थल पर डोली को विराजमान किया जाएगा।

खास बात
केदारनाथ मंदिर उत्तरी भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम “केदार खंड” है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

2025 में कब खुलेंगे कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर मेष लग्न में खोले जाएंगे।

kedarnath ke kapat band 2024, kedarnath ke pat kab band honge, kedarnath ke pat kab khulenge 2025 me, केदारनाथ के पट कब बंद होंगे