गुरु पुष्य : 8 घंटे 49 मिनट बन रहा महायोग


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन शुक्ल योग में गुरु पुष्य का संयोग बन रहा है। 21 नवंबर 2024 को यह महायोग प्रात: 6 बजकर 48 मिनट से दोपहर 3 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। 8 घंटे 49 मिनट का यह महायोग अत्यंत सिद्ध समय रहेगा। इस समय में अपने जीवन के अनेक संकटों का निवारण करने के उपाय किए जा सकते हैं।

1. यदि आपका भाग्य कमजोर है, काम चलते-चलते अटक जाते हैं, कड़ी मेहनत करने के बाद भी पैसा नहीं आता, कर्ज बढ़ता जा रहा है तो गुरु पुष्य के संयोग में खड़ी हल्दी अवश्य खरीदें। इससे भाग्य मजबूत होगा।

2. गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन प्रात: नहाने के पानी में थोड़ी सी हल्दी डालकर स्नान करें। इससे बृहस्पति ग्रह की पीड़ा दूर होगी और बृहस्पति मजबूत होगा, जिससे मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा प्राप्त होगी।

3. गुरु पुष्य के दिन केसर-हल्दी का तिलक करके घर से निकले, उस दिन के सारे काम पूरे होंगे और उनमें सफलता मिलेगी। लोग आपसे प्रभावित होंगे और आपकी बातों को महत्व देंगे।

4. गुरु पुष्य के दिन श्रीयंत्र का पूजन करके कनकधारा स्तोत्र के पाठ की 11 आवृत्ति करने से धन की प्राप्ति होती है। जो काम आप कर रहे हैं चाहे नौकरी हो या व्यापार उसमें सफलता मिलने लगेगी।

5. गुरु पुष्य के दिन केले के पेड़ में हल्दी वाला पानी चढ़ाने से विवाह की बाधा दूर होती है। इस दिन किसी ब्राह्मण दंपती को सवा किलो हल्दी भेंट करें। आपका भाग्य चमक उठेगा।

6. गुरु पुष्य के संयोग में चांदी का चौकोर टुकड़ा खरीदें और इस पर केसर से चारों कोनों में बिंदी लगाकर पूजन करें। इसे अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान में रखने से धन की आवक बढ़ने लगती है।

7. गुरु पुष्य के दिन भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण भगवान को पीले पुष्पों का श्रृंगार कर केले और देसी घी की मिठाई का नैवेद्य लगाएं। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। अनेक संकट दूर होंगे और मन प्रसन्न रहेगा।

8. गुरु पुष्य के दिन श्रीकृष्ण भगवान के साथ तुलसी का पूजन करने से मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।

9. क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र की 11 माला जाप गुरु पुष्य में करने से वशीकरण की शक्ति प्राप्त हो जाती है। लोग आपके प्रति आकर्षित होते हैं और आपका कहना मानने लगते हैं।

10. गुरु पुष्य के संयोग में भगवान विष्णु का अभिषेक केसर मिश्रित दूध से करें। पूजन करें। श्रृंगार करें, नैवेद्य लगाएं, आरती करें आपके सारे मनोरथ पूरे होंगे।

शनि हो रहा मार्गी, संकटों से बचना है तो करें ये उपाय


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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मनुष्य को उसके अच्छे-बुरे कर्मों का फल देने वाला ग्रह शनि 15 नवंबर 2024 शुक्रवार को सायं 7:51 बजे मार्गी होने जा रहे हैं। शनि 30 जून 2024 को वक्री हुआ था। 139 दिनों तक वक्री रहने के बाद शनि अब मार्गी हो रहा है। शनि के मार्गी हो जाने के कारण कुछ राशियों को लाभ होगा तो कुछ राशि के जातकों की परेशानी बढ़ सकती है।

साढ़ेसाती और अन्य राशि वालों पर प्रभाव
शनि वर्तमान में कुंभ राशि में गोचर कर रहा है। इसलिए मकर पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया, कुंभ पर दूसरा ढैया और मीन राशि पर साढ़ेसाती का पहला ढैया चल रहा है। कर्क और वृश्चिक राशि पर लघु ढैया चल रहा है। शनि के मार्गी होने से साढ़ेसाती और लघु ढैया वाले जातकों की परेशानी कुछ कम होगी। जो काम अब तक अटके हुए थे वे आगे बढ़ने लगेंगे। धन आएगा। रोग मुक्ति होगी। अन्य राशि के जातकों को भी उनकी कुंडली में शनि की स्थिति के अनुसार शुभाशुभ फल प्राप्त होंगे।
(राशियों के बारे में विस्तृत जानकारी हम अगली पोस्ट में देंगे।)

कैसे बचें साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से
मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों को काले घोड़े की नाल से बना छल्ला अपनी मध्यमा अंगुली में धारण करना चाहिए। इससे साढ़ेसाती के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलेगी। काले घोड़े की नाल से बना छल्ला न मिले तो नाव की कील से बना छल्ला भी उपयोग में लिया जा सकता है।

शनिवार के दिन शनि मंदिर में बैठकर शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप रुद्राक्ष या काले हकीक की माला से करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

पीपल के पेड़ की पूजा शनिवार को करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। शनिवार के दिन दोपहर 12 बजे से पूर्व पीपल के पेड़ में कच्चे दूध में काले तिल मिलाकर अर्पित करें। सायंकाल उसी पीपल के पेड़ के नीचे आटे के सात दीपक लगाएं। इससे शनि दोष शांत होगा।

शनिवार के दिन हनुमानजी को चमेली के तेल से सिंदूर का चोला चढ़ाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी को देसी घी के हलवे का नैवेद्य लगाने से शनि की शांति होती है।

शनिवार के दिन घर में लोबान की धूप लगाना चाहिए। जिन लोगों को शनि की साढ़ेसाती और ढैया है उन्हें तो विशेष रूप से यह प्रयोग करना ही चाहिए।

यदि किसी जातक की कुंडली में शनि वक्री, नीच राशि में या चौथे-आठवें-बारहवें भाव में है तो उन्हें मार्गी होने के अनेक दुष्परिणाम देखने पड़ सकते हैं। धन हानि, करियर में बाधा, रोग, विवाद जैसी स्थितियां बन सकती हैं। इनसे बचने के लिए हनुमानजी की नित्य आराधना करना आवश्यक है।

कैसा रहेगा आज का दिन 12 नवंबर 2024 मंगलवार


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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12 नवंबर 2024 मंगलवार
विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : कार्तिक शुक्ल पक्ष

तिथि : एकादशी सायं 4:04 तक
नक्षत्र : पूर्वाभाद्रपद प्रात: 7:51 तक पश्चात उत्तराभाद्रपद

दिन का चौघड़िया
लाभ : प्रात: 10:48 से दोप 12:11
अमृत : दोप 12:11 से 1:34
अभिजित : प्रात: 11:49 से दोप 12:33
प्रदोषकाल : सायं 5:42 से रात्रि 8:19

रात्रि का चौघड़िया
लाभ : सायं 7:20 से रात्रि 8:57

आज विशेष : देवोत्थान एकादशी
आज का शुभ अंक : 3
आज का शुभ रंग : लाल, पीला
आज के पूज्य : मां दुर्गा
आज का मंत्र : ऊं दुं दुर्गाये नम:

आज का राशिफल
मेष : दिन सफलतादायक रहेगा। आर्थिक लाभ होगा। संपत्ति सुख मिलेगा। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।

वृषभ : धन की तंगी दूर हो जाएगी। उधार दिया पैसा लौट आएगा। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।

मिथुन : परिवार में आनंदोत्सव होगा। स्वास्थ्य ठीक रहेगा। आज आर्थिक संकटों से निजात मिल जाएगी।

कर्क : संबंधों को लेकर सतर्क रहें। किसी बात पर क्रोध न करें। अनावश्यक विवाद सामने आ सकते हैं।

सिंह : धन तंगी दूर होगी। संपत्ति सुख मिलेगा। स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। करियर की चिंता दूर होने वाली है।

कन्या : मानसिक तनाव दूर होगा। काम सुगमता से होंगे। नौकरी और व्यवसाय में लाभ होने वाला है।

तुला : स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परिवार में आनंदोत्सव होगा। आर्थिक लाभ होगा। प्रेम संबंधों में मजबूती आएगी।

वृश्चिक : कर्ज मुक्ति होगी। परिवार के साथ मनोरंजक यात्रा पर जाएंगे। स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम प्रगाढ़ होगा।

धनु : प्रेम प्रस्ताव मिलेगा। पैसा आएगा। युवाओं को नौकरी मिलेगी। नए काम प्रारंभ करने के लिए दिन ठीक है।

मकर : मन प्रसन्न रहेगा। मित्रों से मुलाकात होगी। पारिवारिक कार्यों पर खर्च करेंगे। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।

कुंभ : दिन मंगलमय है। शारीरिक-मानसिक तनाव कम होंगे। प्रियजनों से मुलाकात होगी। प्यार-पैसा मिलेगा।

मीन : पद और पैसा मिलेगा। युवा नए स्टार्टअप में पैसा लगाएंगे। यात्रा होगी। प्रेमी-प्रेमिका की मुलाकात होगी।

आज का टोटका
आज लाल चंदन का तिलक अपने मस्तक और कंठ पर लगाएं। लाल पुष्प हनुमान जी या माता दुर्गा को अर्पित करें। गुड़-चने का नैवेद्य लगाएं। आज के दिन शिवलिंग पर लाल मसूर की दाल अर्पित करने से आर्थिक संकट दूर होंगे।

कैसा रहेगा आज का दिन : 11 नवंबर 2024 सोमवार


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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11 नवंबर 2024 सोमवार
विक्रम संवत : 2081
शालिवाहन वाहन शके : 1946
मास : कार्तिक शुक्ल पक्ष

तिथि : दशमी सायं 6:46 तक पश्चात एकादशी
नक्षत्र : शतभिषा प्रात: 9:39 तक

दिन का चौघड़िया
अमृत : प्रात: 6:38 से 8:01
शुभ : प्रात: 9:25 से 10:48
चर : दोप 1:34 से 2:57
लाभ : दोप 2:57 से सायं 4:20
अमृत : सायं 4:20 से 5:43
अभिजित : प्रात: 11:48 से दोप 12:33
प्रदोषकाल : सायं 5:43 से रात्रि 8:19

रात्रि का चौघड़िया
चर : सायं 5:43 से 7:20

आज विशेष :
आज का शुभ अंक : 2
आज का शुभ रंग : सफेद, पिंक
आज के पूज्य : श्री कृष्ण
आज का मंत्र : कृं कृष्णाय नम:

आज का राशिफल
मेष : दिन शुभ है। काम सफल होंगे। पैसा आएगा। परिवार में मेहमान आएंगे। रिश्तों में सुधार आएगा।
वृषभ : विवादों से बचें। दिन सामान्य है। अटके काम चल पड़ेंगे। धन आएगा, खर्च भी होता जाएगा।
मिथुन : स्वास्थ्य का ध्यान रखें। सामाजिक दायित्व बढ़ेंगे। धन आएगा, संपत्ति के मामले सुलझेंगे।
कर्क : कामकाज में सफलता मिलेगी, नए काम प्रारंभ करेंगे। अचानक यात्राएं करनी पड़ सकती हैं।
सिंह : मांगलिक प्रसंगों में जाएंगे। आध्यात्मिकता में रुचि होगी। नौकरी और करियर की चिंता दूर होगी।
कन्या : मन प्रसन्न रहेगा। पैसा आएगा और निवेश करेंगे। दांपत्य में मजबूती आएगी। नौकरी मिलेगी।
तुला : प्रेम प्रस्ताव मिलेगा। आर्थिक संकट कम होगा। काम में तेजी आएगी। आज यात्राएं हो सकती है।
वृश्चिक : रोग दूर होंगे। परिवार में मेहमान आएंगे। दोस्तों से मुलाकात होगी। धन का संकट दूर हो जाएगा।
धनु : नए काम प्रारंभ होंगे। प्रेम संबंध मजबूत होंगे। रोग दूर होंगे। करियर की चिंता दूर होगी। सम्मान मिलेगा।
मकर : यात्राएं होंगी। परिजनों से मिलना होगा। सेहत अच्छी रहेगी। मन प्रसन्न रहेगा। पैसे की तंगी दूर होगी।
कुंभ : धन का संकट कम होगा। मन में काम करने की उत्सुकता रहेगी। स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
मीन : स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परिवार से मिलना होगा। दांपत्य जीवन मधुर रहेगा। धन की तंगी दूर होने वाली है।

आज का टोटका
आज सभी राशि के जातक शिवजी के मंदिर जाएं और उन्हें पांच बिल्व पत्र और एक जनेऊ अर्पित करें। अपनी समस्या कहें और वहीं बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें। संकट दूर होंगे।

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देवउठनी एकादशी से प्रारंभ हो जाएंगे विवाह, ये हैं मुहूर्त


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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देवउठनी एकादशी पर 12 नवंबर 2024 मंगलवार को श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा से जाग जाने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा और वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाएंगे। देवउठनी एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी, देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है। इन दिन तुलसी विवाह के आयोजन भी होते हैं। मंदिरों- घरों में गन्ने से आकर्षक मंडप सजाकर उसमें तुलसी-शालिग्राम का विवाह करवाया जाता है। इसके साथ ही मनुष्यों के लिए भी वैवाहिक आयोजन प्रारंभ हो जाते हैं। देवउठनी एकादशी अबूझ मुहूर्त होता है इसलिए इस दिन बड़ी संख्या में निजी और सामूहिक विवाह के कार्यक्रम होते हैं।

यहां हम पाठकों की सुविधा के लिए नवंबर से मार्च तक के विवाह मुहूर्त प्रस्तुत कर रहे हैं। ये शुद्ध वैवाहिक मुहूर्त हैं। भावी वर-वधु के नाम की राशि से विवाह के मुहूर्त निकलवाने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

नवंबर में विवाह मुहूर्त
16 नवंबर शनिवार, मार्गशीर्ष कृष्ण प्रथम
22 नवंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष कृष्ण सप्तमी
26 नवंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी
27 नवंबर बुधवार, मार्गशीर्ष कृष्ण द्वादशी

दिसंबर में विवाह मुहूर्त
5 दिसंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी
6 दिसंबर शुक्रवार, मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी-षष्ठी
7 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल षष्ठी
14 दिसंबर शनिवार, मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्दशी

जनवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
16 जनवरी गुरुवार, माघ कृष्ण तृतीया
17 जनवरी शुक्रवार, माघ कृष्ण चतुर्थी
22 जनवरी बुधवार, माघ कृष्ण अष्टमी

फरवरी 2025 में विवाह मुहूर्त
3 फरवरी सोमवार, माघ शुक्ल षष्ठी
4 फरवरी मंगलवार, माघ शुक्ल सप्तमी
7 फरवरी शुक्रवार, माघ शुक्ल दशमी
13 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा
18 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण षष्ठी
20 फरवरी गुरुवार, फाल्गुन कृष्ण सप्तमी
21 फरवरी शुक्रवार, फाल्गुन कृष्ण अष्टमी
25 फरवरी मंगलवार, फाल्गुन कृष्ण द्वादशी

मार्च 2025 में विवाह मुहूर्त
5 मार्च बुधवार, फाल्गुन शुक्ल षष्ठी
6 मार्च गुरुवार, फाल्गुन शुक्ल सप्तमी

विशेष :
15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक धनु मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।
19 मार्च 2025 से 23 मार्च 2025 तक चार दिन शुक्र अस्त रहने से विवाह नहीं होंगे।
14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक मीन मलमास रहने से विवाह नहीं होंगे।

भूत-प्रेत की बाधा दूर करते हैं ये स्टोन


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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क्या आपको अपने आसपास किसी के होने का एहसास होता है, जो दिखाई नहीं देता लेकिन लगता है कि कोई आसपास है। क्या कभी आप घर में अकेले हों लेकिन ऐसा लगता है कि आपको कोई घूर रहा है, क्या आपको अचानक से बैठे-बैठे कंपकंपी लगती है, कभी अचानक तेज गर्मी तो कभी अचानक ठंड लगने लगती है। क्या रात में आपको डरावने सपने आते हैं, नींद में आपको सीने में भारीपन और घबराहट सी महसूस होती है।

यदि आपके साथ ऐसे लक्षण हो रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत है। आपके घर में कोई नकारात्मक ऊर्जा आ चुकी है और आप उससे घिरते जा रहे हैं। यदि लगातार आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो यह आपके लिए घातक भी हो सकता है। इसके लिए रत्न ज्योतिष में कुछ ऐसे रत्न बताए गए हैं जिन्हें आप धारण करेंगे तो ऐसी अनेक नकारात्मक ऊर्जाओं से बच सकेंगे। ये रत्न भूत-प्रेत की बाधाएं दूर करने की शक्ति रखते हैं।

ब्लैक तुरमली (black tourmaline)
यह एक ऐसा काला चिकना पत्थर होता है जो आपको सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है। इसे अंगूठी, पेंडेंट और माला के रूप में पहना जा सकता है।

ब्लैक ओनेक्स (black onyx)
इस स्टोन को पहनने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा तो बाहर निकलती ही है आपके अंदर चुनौतियों से लड़ने का आत्मविश्वास आ जाता है। ब्लैक ओनेक्स को पिरामिडनुमा पेंडेंट में पहनना चाहिए।

टाइगर आई (tiger eye)
यह सबसे पावरफुल स्टोन होता है। इसे पहनने से आपके आसपास जितनी भी नकारात्मक ऊर्जा आ गई है वह दूर हो सकती है। इसे बड़े आकार में अंगूठी के रूप में पहना जाता है।

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क्या हैं लाभ
इन तीनों में से कोई एक स्टोन आपको अवश्य धारण करना चाहिए। इससे आपको मानसिक मजबूती मिलती है। आपको अपने कामकाज करने में आत्मविश्वास रहने से काम आसानी से सफल हो जाते हैं। जिन लोगों को मिर्गी, स्ट्रोक या मानसिक रोग है उन्हें ये स्टोन अवश्य पहनने चाहिए।

मानसिक रोगियों को इन स्टोन को पानी में डालकर वो पानी पिलाना चाहिए, इससे कुछ ही महीनों में मानसिक रोग दूर होकर व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।

इन स्टोन को धारण करने से व्यक्ति कठिन से कठिन चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ्य प्राप्त कर लेता है और कोई चुनौती उसे बड़ी नहीं लगती, वह सभी पर जीत प्राप्त कर लेता है। विद्यार्थियों को टाइगर आई जरूर पहनना चाहिए।

मंगलवार को करें यह काम, खुल जाएगी किस्मत


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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यदि आप संकटों से घिरे हुए हैं, जी-जान से मेहनत करने के बाद भी धन नहीं आ रहा है, कर्ज में डूबते जा रहे हैं, रोग आपको या आपके परिवार को घेरे हुए है, बार-बार दुर्घटना हो रही है तो मंगलवार के दिन आपको ये उपाय अवश्य करने चाहिए।

अष्टसिद्धि, नवनिधि के दाता हनुमानजी महाराज स्मरण करने मात्र से किसी न किसी रूप में प्रकट होकर आपकी समस्याओं का समाधान अवश्य करते हैं। मंगलवार हनुमानजी का सबसे प्रिय दिन होता है, क्योंकि इसी दिन उनका जन्म हुआ था। मंगलवार को हनुमानजी से जुड़े उपाय करने से, उनकी विशेष पूजा करने से, उनके मंत्रों का जाप करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और किसी न किसी रूप में आपकी समस्या का हल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय-

मंगलवार के दिन किसी ऐसे हनुमान मंदिर का चयन करें जो निर्जन स्थान में, जंगल में या शहर-गांव की सीमा से बाहर हो। ऐसे मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करें। हनुमानजी को चमेली के तेल में घोलकर सिंदूर का चोला चढ़ाएं। उन्हें सुंदर लाल रंग की लंगोट पहनाएं। उत्तरीय वस्त्र पहनाएं। जनेऊ धारण करवाएं। आकर्षक श्रृंगार करें। चमेली के फूलों की माला पहनाएं। मीठे पान का बीड़ा भेंट करें। गुड़-चने का नैवेद्य लगाएं, श्रीफल अर्पित करें। फिर उसी मंदिर में बैठकर सात बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद उनसे अपने अभीष्ट कामना की पूर्ति का अनुरोध करें और फिर कर्पूर से आरती करें। आपकी सारी समस्याओं का समाधान सात दिन के अंदर हो जाएगा।

मंगलवार के दिन सिद्ध हनुमान कड़ा धारण करें। यह कड़ा पंचधातु से बना हुआ होना चाहिए। इस कड़े को हनुमानजी के चरणों में रखकर ऊं हं हनुमते नम: मंत्र की 11 माला से सिद्ध करें। मंगलवार के दिन इसे पहनने से आपके सारे संकट दूर हो जाएंगे। धन, संपत्ति, सुख, सम्मान, निरोगी शरीर की प्राप्ति होती है।

मंगलवार के दिन हनुमान यंत्र की स्थापना घर में करना चाहिए। यह यंत्र पंचधातु में बना हुआ होना चाहिए। इस यंत्र को घर के पूजा स्थान में रखकर इसका नित्य दर्शन-पूजन करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं।

मंगलवार के दिन एक पानी वाला नारियल लें। इस पर सिंदूर से श्री राम लिखें। इसे आंकड़े के पत्तों में लपेटें और ऊपर से मौली से बांध दें। इस नारियल को हनुमानजी के चरणों में रखें और अपनी समस्याओं का समाधान करने की प्रार्थना करें। इसके बाद इस नारियल को ले जाकर नदी में विसर्जित कर आएं। नदी न हो तो तालाब, कुएं, बावड़ी में डाल आएं।

9 नवंबर कार्तिक अष्टमी पर करें दान, मिलेगा लाख गुना फल


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को महादानी अष्टमी या फलदानी अष्टमी भी कहा जाता है। शिवपुराण का कथन है कि इस अष्टमी के दिन श्रवण नक्षत्र की साक्षी में महायोग बनता है, जिसमें दान की गई वस्तुएं, धन, स्वर्ण आदि लाख गुना होकर मनुष्य को प्राप्त होता है। इस दिन दान करने वाले मनुष्यों को महा पुण्यफल की प्राप्ति होती है और वह कभी समाप्त न होने वाले स्वर्ण भंडार का मालिक बनता है। इसलिए इस दिन मनुष्यों को अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार धन, स्वर्ण, फल, खाद्य वस्तुओं का दान करना चाहिए।

किन्हें करें दान
कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन श्रेष्ठ ब्राह्मण को धन आदि का दान अवश्य देना चाहिए। यदि उत्तम ब्राह्मण उपलब्ध न हो तो किसी निर्धन परिवार, निशक्त परिवार को वस्तुओं का दान करें।

क्या है महत्व
शिव महापुराण के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन भगवान शिव और मां पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण करने निकले। इस दौरान उन्होंने साधु और साध्वी का भेष बनाया और एक निर्धन व्यक्ति के द्वार पर जा पहुंचे। निर्धन व्यक्ति ने साधु और साध्वी को देखा तो हाथ जोड़कर आंखें में अश्रु लेकर बोला- महाराज मैं अत्यंत गरीब हूं। मेरे पर आपको देने के लिए कुछ नहीं है। इस पर साधु रूप में शिवजी ने कहा कि तुम्हारी कुटिया की छत पर जो सूखा फल पड़ा हुआ है वही हमें दे दो। व्यक्ति ने देखा तो छत पर सचमुच एक सूखा फल पड़ा हुआ था। उसने वह साधु को भेंट कर दिया। इस पर शिवजी ने आशीर्वाद दिया कि जा आज से तेरी गरीबी दूर हुई। तुझे ऐसे एक लाख स्वर्ण के फल प्राप्त होंगे। इतना कहकर शिवजी और मां पार्वती चले गए। उस निर्धन व्यक्ति के दिन फिर गए और उसे एक लाख स्वर्ण फल प्राप्त हुए।

नीचे दिए गए क्यूआर कोड पर आप भी दान करें राशि
आप पाठकों की सुविधा के लिए हम नीचे एक नंबर और क्यूआर कोड दे रहे हैं। गूगल पे, पेटीएम के माध्यम से आप इस महा अष्टमी के दिन धन का दान करें। आपका धन निशक्त, निर्धन और गरीबों तक पहुंचाया जाएगा। यह धन निर्धन लोगों को भोजन करवाने, उनके उपचार, गरीब बच्चों की शिक्षा जैसे पुनीत कार्य में खर्च किया जाएगा। इस दिन किया गया दान आपको एक लाख गुना होकर निश्चित रूप से प्राप्त होगा।

3 नवंबर को बंद हो जाएंगे केदारनाथ धाम के पट


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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12 ज्योतिर्लिंगों में से एक जन-जन की आस्था के केंद्र विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट 3 नवंबर 2024 को प्रात: ठीक 8:30 बजे बंद कर दिए जाएंगे। प्रतिवर्ष शीतकाल के दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। केदारनाथ धाम के कपाट छह महीने के लिए बंद किए जाते हैं। इसके बाद अप्रैल-मई में पुन: कपाट खोले जाते हैं।

शनिवार को विशेष पूजा अर्चना के बाद केदारबाबा की पंचमुखी डोली को मंदिर में विराजमान किया गया। केदारनाथ में कपाट बंद होने के कारण आगामी छह महीने की पूजा अर्चना एवं भोले बाबा के दर्शन ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में होते हैं।

क्या रहेगी योजना
3 नवंबर भाईदूज के अवसर पर परंपरानुसार रात्रि 2 बजे से 3:30 बजे तक भक्तों को जलाभिषेक करने की अनुमति रहेगी। इसके बाद गर्भगृह की साफ सफाई करने के बाद तड़के 4:30 बजे बाबा केदारनाथ को पूजा अर्चना, अभिषेक एवं आरती करने के साथ ही भोग लगाया जाएगा। इसके बाद समाधि पूजा करने के बाद भगवान को छह महीने की समाधि दी जाएगी। प्रात: ठीक 6 बजे गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे और सभामंडप में स्थापित बाबा केदार की पंचमुखी डोली के सुबह 8:30 बजे मंदिर से बाहर आने के बाद पौराणिक विधिविधान के साथ मंदिर के मुख्य कपाट के साथ ही पीछे के कपाट को बंद कर सील कर दिया जाएगा।

रामपुर में पहला पड़ाव
केदारनाथ से रवाना होगा इसी दिन बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली रात्रि प्रवास के लिए अपने पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 4 नवंबर को डोली रामपुर से प्रातः प्रस्थान कर फाटा, नारायकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 5 नवंबर को चल-विग्रह डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर 11 बजकर 20 बजे अपने शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। पूर्व परंपरा के अनुसार अपने गद्दी स्थल पर डोली को विराजमान किया जाएगा।

खास बात
केदारनाथ मंदिर उत्तरी भारत के पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम “केदार खंड” है। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।

2025 में कब खुलेंगे कपाट
केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई 2025 को प्रात: 4 बजकर 15 मिनट पर मेष लग्न में खोले जाएंगे।

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शुभ नहीं है गुरु-शुक्र का एक-दूसरे की राशि में गोचर


गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य

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शुक्र 7 नवंबर 2024 से गुरु की राशि धनु में प्रवेश कर रहा है और गुरु पूर्व से ही शुक्र की राशि वृषभ में है। इन दोनों ग्रहों का एक-दूसरे की राशि में गोचर करना शुभ नहीं होता है। यह एक प्रकार के द्वंद्व योग का निर्माण करता है। इस योग के प्रभाव में लोगों में आपसी मतभेद उभरते हैं, विवाद होते हैं और संबंध खराब होते हैं। दांपत्य, वैवाहिक जीवन में परेशानी आती है और लोग कई निर्णय लेने में भ्रम की स्थिति में रहते हैं। शुक्र 2 दिसंबर 2024 को राशि बदलकर मकर में जाएगा तब तक का 26 दिन का समय सभी राशि के जातकों को संयमपूर्वक और शांति से रहना होगा।

राशियों पर असर
मेष : संपत्ति और धन को लेकर भाई-बहनों से विवाद होगा। आपकी बात को महत्व नहीं मिलने से परेशान रहेंगे।
वृषभ : आर्थिक कष्ट आएगा। परिवार में संबंध खराब होंगे। आपकी वाणी खराब होने से लोग आपसे दूर जाएंगे।
मिथुन : दांपत्य जीवन में टकराव हो सकता है, विवादों में फंस सकते हैं। साझेदारी के कार्यों में सतर्कता रखें।
कर्क : मानसिक रूप से विचलित रहेंगे। शत्रु परेशान करेंगे। धन आएगा किंतु खर्च उससे अधिक हो जाएगा।
सिंह : प्रेम संबंध टूट सकते हैं। हालांकि पैसा अच्छा आएगा। भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होने के संकेत हैं।
कन्या : सुख प्राप्त होगा, पैसा आएगा, दांपत्य जीवन में विवाद हो सकता है। अपनी बात मनवाने पर जोर न दें।
तुला : समय कष्टकारी है। भाई-बहनों से विवाद बढ़ सकता है। शारीरिक कष्ट आएगा। धन की हानि हो सकती है।
वृश्चिक : अपनी वाणी के कारण स्वयं ही मुसीबत में फंसेंगे, पैसों को लेकर विवाद होगा। स्वास्थ्य बिगड़ेगा।
धनु : पैसों का अपव्यय होगा। शारीरिक कष्ट के उपचार में धन खर्च होगा। पति-पत्नी में विवाद हो सकता है।
मकर : परिवार के साथ सामंजस्य बनाने का प्रयास करें। पति-पत्नी में टकराव होगा। शारीरिक कष्ट होगा।
कुंभ : धन आएगा किंतु खर्च भी हो जाएगा। परिवार से विवाद होगा। आपकी वाणी का प्रभाव कम होगा।
मीन : पिता से विवाद हो सकता है। शारीरिक कष्ट आ सकता है। साझेदारी में कोई कार्य प्रारंभ न करें।

क्या उपाय करें
शुक्र के धनु में गोचर के दौरान 24 दिन सभी राशियों के जातक भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण का नित्य दर्शन-पूजन करें। भगवान विष्णु को तुलसीदल नियमित रूप से अर्पित करें। सायंकाल तुलसी के समीप दीपक लगाएं।