गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य
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मधुमेह यानी डायबिटीज आज विश्व की सबसे बड़ी बीमारी बनती जा रही है। लगभग हर घर में डायबिटीज का एक मरीज मिल ही जाएगा। यह मुख्यत: लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है। अनियंत्रित खानपान, पैदल चलने की कमी, नियमित व्यायाम नहीं करने जैसी आदतों के कारण डायबिटीज होती है। इसके अनुवांशिक कारण तो हैं ही। ज्योतिष की दृष्टि से देखें तो जातक की कुंडली में ग्रह स्थितियां देखकर बताया जा सकता है कि उसे डायबिटीज होगी या नहीं।
जन्मकुंडली का पहला भाव व्यक्ति की शारीरिक स्थिति को बताता है और छठा स्थान रोग का भाव होता है। जब भी किसी व्यक्ति के रोगों का विचार करना हो तो इन्हीं दोनों भावों की ग्रह स्थितियों का विचार किया जाता है। कुंडली में लग्न और लग्नेश की स्थिति जितनी अच्छी होगी व्यक्ति का स्वास्थ्य भी उतना ही अच्छा होगा। इस भाव का कारक ग्रह सूर्य है। इसलिए लग्न, लग्नेश और सूर्य इन तीनों की स्थिति जितनी अच्छी होगी जातक का स्वास्थ्य भी उतना अच्छा होगा।
कुंडली में छठे भाव से रोग का विचार किया जाता है। मंगल एवं शनि दोनों ही इस भाव के कारक ग्रह हैं। इसलिए रोग विचार करते समय छठा भाव, षष्ठेश, शनि और मंगल की स्थिति पर विचार करना चाहिए। छठे भाव या षष्ठेश पर मंगल एवं शनि की दृष्टि होने से बड़े रोग होने की आशंका ज्यादा होती है। षष्ठेश का जिस भाव के स्वामी के साथ संबंध हो उन भावों से संबंधित रोग होने की आशंका रहती ही है।
डायबिटीज के लिए जिम्मेदार ग्रह स्थितियां
1. गुरु अपनी नीच राशि मकर में होकर छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो डायबिटीज होती है।
2. शुक्र छठे भाव में तथा गुरु बारहवें भाव में हो और इन पर शनि की दृष्टि हो तो यह रोग होता है।
3. गुरु सूर्य के साथ बैठकर अस्त हो तथा उस पर राहु की पूर्ण दृष्टि हो तो डायबिटीज होती है।
4. गुरु एवं शनि की युति छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो मधुमेह का रोग होने की आशंका रहती है।
5. षष्ठेश व्यय भाव में तथा व्ययेश छठे भाव में हो तो निश्चित रूप से डायबिटीज पर पैसा खर्च होता है।
6. गुरु शनि तथा राहु के साथ हो या इनकी दृष्टि में हो तो भी डायबिटीज की आशंका रहती है।
बचें कैसे
डायबिटीज से बचने के लिए या हो गई है तो इसे नियंत्रित रखने के लिए गुरु से संबंधित उपाय करने चाहिए।
1. सोने या अष्टधातु की अंगूठी में पीला पुखराज पहनना चाहिए।
2. बगैर शक्कर के दूध में हल्दी डालकर पीना चाहिए।
3. पीपल के पेड़ की जड़ को पीले कपड़े में बांधकर अपने पास रखने से डायबिटीज नियंत्रण में रहती है।
4. गुरु यंत्र या डायबिटीज निवारण यंत्र को भोजपत्र पर बनवाकर ताबीज के रूप में गले में पहनें।