गजेंद्र शर्मा
ज्योतिषाचार्य
.
वैवाहिक जीवन की सफलता व्यक्ति की यौन इच्छाओं पर निर्भर करती है। यह सामान्य बात है कि स्त्री और पुरुष का समान रूप से कामेच्छु होना आवश्यक है। तभी दोनों वैवाहिक जीवन का पूर्ण आनंद ले पाते हैं। कामेच्छा होना संतान प्राप्ति के लिए हमारे धर्म शास्त्रों में अनिवार्य कर्म बताया गया है। तभी तो जीवन के चार पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में काम को भी स्थान दिया गया है। हालांकि शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि व्यक्ति का एक सीमा तक कामुक होना अच्छा है किंतु जब यह इच्छाएं उग्र हो जाती है तो व्यक्ति अतिकामुक हो जाता है और वह गलत यौन व्यवहार करने लगता है।
हस्तरेखा शास्त्र में वैसे तो प्रत्येक रेखा का अपना महत्व होता है, लेकिन एक ऐसी रेखा होती है जिससे व्यक्ति में मौजूद कामुकता का पता लगाया जा सकता है। यदि व्यक्ति अतिकामुक है तो वह उसके और परिवार के लिए ठीक नहीं होता है। क्योंकि अतिकामुक व्यक्ति के अनेक स्त्री या पुरुषों से संबंध हो सकते हैं। हस्तरेखा शास्त्र में इसी कामुकता रेखा को असंयम रेखा के नाम से भी जाना जाता है। आज हम हस्तरेखा के माध्यम से जानेंगे कामुकता रेखा के बारे में-
हथेली में कहां होती है कामुकता रेखा
कामुकता रेखा बुध पर्वत के नीचे अर्धचंद्राकार रूप में स्थित होती है, जो चंद्र पर्वत को शुक्र पर्वत से जोड़ती है। यह रेखा जिस स्त्री-पुरुष के हाथ में होती है, उनमें संयम की कमी होती है। ऐसे लोगों का स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहता। मुख्यतया यह रेखा व्यक्ति की काम वासना से जुड़ी होती है। जिस स्त्री या पुरुष के हाथ में असंयम रेखा होती है वे यौन संबंधों के मामले में उग्र होते हैं। ऐसे लोग विपरित लिंगी व्यक्ति से यौन संबंध बनाने के लिए कई बार हिंसक भी होते देखे गए हैं।
कामुकता रेखा से जुड़े योग
– यदि हथेली में बुध रेखा या चंद्र रेखा के समानांतर एक छोटी रेखा चल रही हो तो यह रेखा बुध रेखा को विशेष शक्ति प्रदान करती है और यह शक्ति केवल अधिक कामुकता के रूप में सामने आती है। चूंकि यह रेखा शुक्र तथा चंद्र पर्वतों को जोड़ने का काम करती है, इसलिए यह चंद्र तथा शुक्र दोनों ग्रहों का फल प्रदान करती है। अगर इस रेखा वाले व्यक्ति के हाथ में मस्तिष्क रेखा कमजोर हो और उसका अंगूठा भी छोटा हो तथा अंगूठे का पहला पोर बड़ा हो तो व्यक्ति अति कामुक हो जाता है और वह काम वासना में अंधा होकर अच्छा-बुरा भूल जाता है।
– यदि कामुकता रेखा जीवन रेखा को काटती हुई चंद्र पर्वत तक पहुंच जाती है और जीवन रेखा कमजोर हो तब ऐसा व्यक्ति अत्यधिक कामुकता के कारण अस्वस्थ रहता है। उसका किसी अन्य काम में मन नहीं लगता, बस दिनरात काम वासना के बारे में ही सोचता रहता है।
– यदि यह रेखा भारी हाथ वाले व्यक्ति के हाथ में स्थित है और साथ ही उसका शुक्र पर्वत भी उन्नत हो तब ऐसा व्यक्ति काम की तृप्ति में किसी नियम को नहीं मानता है। परिवार के विपरीत जाकर संबंध बनाता है।
– यदि हथेली में मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत की ओर झुकी हुई हो तो ऐसे व्यक्ति में मानसिक शक्ति कमजोर रहती है। वह हकीकत के मुकाबले कल्पना में अधिक जीवन जीता है। ऐसे में यदि हाथ में असंयम रेखा भी है तो व्यक्ति कितना ही बुद्धिमान क्यों ना हो वह जरा सी बात में उग्र हो जाता है और किसी पर यौन हमला भी कर सकता है।
– जिस व्यक्ति के हाथ में डबल असंयम रेखा होती है वह दुष्कर्मी, दुराचारी और भयानक नशे का आदी होता है।
– यदि किसी व्यक्ति के हाथ में कामुकता रेखा पर नक्षत्र का चिह्न हो तो ऐसा व्यक्ति अनेक विपरीतलिंगी लोगों के साथ संबंध बनाता है।